PATNA : बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय के बयान का जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने जवाब दे दिया है। निखिल मंडल ने बयान जारी कर कहा है कि जो नियुक्त करता है वह समीक्षा की भी अधिकार रखता है। उन्होंने रामसूरत राय के बयान की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये किस माफिया की बात कर रहे हैं। पिछले 16-17 सालों से ये माफिया जेल के सलाखों के पीछे सड़ रहे हैं। बड़े-बड़े माफिया जेल में बंद है। उन्होंने कहा कि ठीक है ये जनप्रतिनिधि की सेवा कर रहे हैं। लेकिन बिहार की जनता के सेवा का क्या ? जिसके लिए हमें ये मैंडेट मिला है।
दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग में बड़े खेल को पकड़ने के बाद सारे तबादलों पर रोक लगा दिया था। शनिवार को राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने एलान कर दिया कि अब विभाग चलाना बेवकूफी है। उन्होंने कह दिया था कि अब वे जनता की कोई शिकायत नहीं सुनेंगे। मंत्री ने विधायकों को भी कह दिया था कि अगर काम कराना है तो सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास जाएं।
बता दें कि शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए ट्रांसफर-पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर गड़बडी पकड़ी थी। 30 जून की रात राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 149 सीओ, 27 सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी और दो चकबंदी पदाधिकारियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग किया था। मुख्यमंत्री ने इस तबादले पर रोक लगाते हुए इसकी समीक्षा के आदेश दिये थे। आरोप है कि ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर पैसे का खेल हुआ। सीओ के लिए तीन साल का कार्यकाल तय है लेकिन समय से पहले ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया। ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर जातिवाद होने का भी आरोप लगा।