PATNA: जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की 100 वीं जयंती पर पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में जद (यू) की ओर से जन्म शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर जननायक कर्पूरी ठाकुर के तैलिय चित्र पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माल्यार्पण किया और श्रद्धांजलि दी। वही मंच को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी को श्रद्धांजलि देने के लिए भारी संख्या में लोग पटना के वेटनरी ग्राउंड में उपस्थित हुए हैं।
आज बहुत खुशी की बात है कि उनके 100वीं जयंती के मौके पर उन्हें भारत रत्न प्रदान किया गया है। जब 2005 में हमारी सरकार बनी तब से लेकर अभी तक हम अनुरोध करते रहे है। इस संबंध में लिखते रहे कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न प्रदान किया जाए। हमारी इन मांगों को कल पूरा कर दिया गया है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं। रामनाथ ठाकुर जी को भी आज प्रधानमंत्री फोन कर दिये। हमको तो खुशी है कि हमको तो फोन नहीं किये लेकिन प्रेस के माध्यम से हम उनकों बधाई देते हैं।
नीतीश ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी कभी भी अपने परिवार को नहीं बढ़ाए। कर्पूरी ठाकुर जी से ही सिखकर हमने भी आज तक अपने परिवार को नहीं बढ़ाया है। कर्पूरी ठाकुर जब चले गये तब हमने उनके बेटे रामनाथ ठाकुर जी को आगे बढ़ाया। रामनाथ ठाकुर मंत्री रहे अभी राज्यसभा के सदस्य हैं और जेडीयू के नेता भी हैं। कौन क्या बोलता है इससे हमलोगों को कोई लेना देना नहीं है। इस देश में पहली बार पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग को जोड़कर कर्पूरी ठाकुर ने आरक्षण दिया। पिछड़ा वर्ग को 8 प्रतिशत और अतिपिछड़ा वर्ग को 12 प्रतिशत आरक्षण दिया। अतिपिछड़ा ज्यादा गरीब है उनकी संख्या ज्यादा है।
नीतीश ने मंच से कहा कर्पूरी जी के काम को याद रखना है। जब उनको मौका मिला तब उन्होंने भी शराबबंदी की। बिहार में पहली बार शराबबंदी जननायक कर्पूरी ठाकुर ने लागू किया था। बहुत लोग उनको हटा दिया जिसके बाद शराबबंदी खत्म हो गया। उनको हटाया गया ये ठीक बात नहीं थी। जब उनका निधन हो गया तब उनके निधन के बाद से ही हम कार्यक्रम चला रहे हैं। तब से सरकारी कार्यक्रम हो रहा है। जिस घर में वे रहते थे वो आज भी उनके नाम से सुरक्षित है। हमलोग जो मांग शुरू से कर रहे है वह मांग भी पूरा हो गया। जब वे मुख्यमंत्री थे तब शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने काम किया था। जननायक के हित में हमलोग एक एक काम कर रहे हैं।