राम कृपाल यादव ने CM नीतीश को लिखा पत्र, बोले.. काम नहीं हुआ तो पटना फिर डूबेगा

राम कृपाल यादव ने CM नीतीश को लिखा पत्र, बोले.. काम नहीं हुआ तो पटना फिर डूबेगा

PATNA : पाटलिपुत्र से बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में बीजेपी सांसद ने बीते साल की जल त्रासदी को याद करते हुए जलजमाव से निदान के लिए पहल करने की जरूरत बताई है. रामकृपाल यादव ने अपने संसदीय क्षेत्र के कई इलाकों में अब तक जमीनी स्तर पर काम नहीं होने की जानकारी मुख्यमंत्री को दी है.



 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में रामकृपाल यादव ने आग्रह किया है कि मानसून के पहले जलजमाव से बचाव के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जाए. मुख्यमंत्री खुद इसकी उच्चस्तरीय समीक्षा करें. क्योंकि ऐसा नहीं करने से बीते साल वाली स्थिति फिर से सामने आ सकती है. पटना नगर निगम क्षेत्र और दानापुर नगर परिषद के इलाकों में भीषण जलभराव की स्थिति ना बने इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से पहल करने की अपील की है. रामकृपाल यादव ने कहा है कि बरसात पूर्व तैयारियों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री को अपनी अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियों का एक हाई लेवल मीटिंग बुलाना चाहिए.


 पिछले वर्ष यानी 2019 में मेरे संसदीय क्षेत्र पाटलिपुत्र अंतर्गत दानापुर नगर परिषद के वार्ड नंबर 10, 11, 12, 20, 21, 35, 37, 38, 39 और फुलवारी विधानसभा अंतर्गत पटना नगर निगम वार्ड नंबर. 3, 11,14, 30, 31, 32 के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश के कारण भीषण जल जमाव की समस्या उत्पन्न हुई थी.  अक्टूबर 2019 के अंतिम हफ्ते में आपके द्वारा आहूत उच्चस्तरीय बैठक में मैंने अपने पत्रांक 1401/ कैम्प/2019 दिनांक 24/10/2019 के द्वारा समस्या के निदान हेतु कई सुझाव दिए थे.




मुझे खुशी है कि मेरे द्वारा दिये गए कई सुझावों के आलोक में बादशाही पइन की उड़ाही और अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई की गई. बाईपास के उत्तरी छोड़ पर नालों की गहराई भी बढ़ाई गई है. दानापुर के कई इलाकों में भी नालों की उड़ाही की गई है और कई जगह कार्य हो रहा है. कई जगह स्थाई और अस्थाई संप हाउस का निर्माण हो रहा है. माननीय वार्ड पार्षदों से मेरी व्यकिगत बातचीत में यह तथ्य सामने आया है कि अभी भी दानापुर, खगौल और फुलवारी नगरपरिषद के कई इलाके और इनके अंतर्गत आने वैसी पंचायतों में जहां शहरीकरण हो गया है और बड़े बड़े अपार्टमेंट बन गए हैं, उन इलाकों में भी कई समस्याओं का निदान बाकी है.  एक स्पेशल टास्क फोर्स और कंट्रोल रूम के भी गठन की भी आवश्यकता है.