PATNA: टिकट नहीं मिलने और नीतीश कुमार के रवैये से नाराज रामजतन सिन्हा ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं. सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार की विदाई की बेला आ गई है. नीतीश ने मुझे धोखा दिया है. लेकिन एक चिट्ठी सार्वजनिक किया तो नीतीश कही के नहीं रहेंगे. बिहार की राजनीति में तूफान आ जाएगा. वह चुनावी मैदान छोड़ भूमिगत हो जाएंगे. वह कौन सी चिट्ठी है. उसके बारे में सिन्हा ने कुछ नहीं बताया. सिन्हा ने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया हैं.
नीतीश को मैंने बनाया सीएम
रामजतन सिन्हा ने कहा कि बिहार में देखने में स्थिति तो सामान्य हैं, लेकिन बिहार में सीएम नीतीश कुमार की विदाई की बेला है. 12 फरवरी 2019 को जेडीयू में शामिल हुआ था. जेडीयू में आने का कारण था कि लालू प्रसाद के दबाव के कारण मुझे टिकट नहीं दिया जा रहा था. कांग्रेस में मुझे चुनाव से वंचित रहना पड़ा. सिन्हा ने कहा कि रामविलास पासवान जब बेहोशी के हालत में थे तो नीतीश कुमार ने कहा था कि 2 सीट रहने पर वह रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजा था. वह एनडीए के मंत्री थे. एनडीए ने फैसला लिया था. टिकट बंटवारे के दौरान ही 6 लोकसभा और एक राज्यसभा पर बात बनी थी. 2000 नीतीश को मैंने ही सीएम बनवाया. रामविलास पासवान ने इसकी पहल की थी. सिन्हा ने कहा कि मैं कोई डिंग नहीं हांक रहा हूं. तत्कालीन राज्यपाल श्री पांडेय ने स्टैंड लिया था कि जब तक बहुमत नहीं आएगा. वह किसी दल के नेता को सीएम नहीं बनवाएंगे. नीतीश कुमार के कहने पर पीके शाही और ललन सिंह मेरे घर आए. रामविलास पासवान और हमने समर्थन देने का वादा किया. मैंने लिखित दिया की नीतीश को समर्थन करेंगे. मैं सदाकत आश्रम में भूख हड़ताल पर बैठ गया और कहा कि लालू प्रसाद की पार्टी को हमारी पार्टी समर्थन नहीं करेगी. जिसके बाद नीतीश कुमार ने कॉल किया की आप मुझे सीएम तो बना दिए आप भूख हड़ताल तोड़िए.
चुनावी मैदान छोड़ भाग जाएंगे नीतीश
सिन्हा ने कहा कि मैं 2019 में जेडीयू में शामिल हुआ. उस दौरान न तो लोकसभा, नहीं राज्यसभा का टिकट दिया और न ही नीतीश ने मंत्री बनाया. 2020 में जब मैंने उनसे मुलाकात करने की बात कही तो नीतीश ने कहा कि मैं तो किसी से मिलता नहीं हूं आप विजय चौधरी से मुलाकात कर लिजिए. मैंने इस पर एतराज जताया और मैंने अपने समर्थकों के साथ जेडीयू से इस्तीफा दे दिया. मैंने इस्तीफा के बाद नीतीश को चिट्ठी लिखी अगर वह चिट्ठी को सार्वजनिक कर दिया तो वह बिहार की राजनीति में तूफान आ जाएगा. चुनाव मैदान से नीतीश भूमिगत हो जाएंगे. लेकिन राजनीतिक मर्यादा के कारण नहीं कर रहा है.