SAHARSA: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर जो विवादित बयान दिया है उसे लेकर बिहार ही नहीं पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। कई हिन्दू संगठनों के लोग और बीजेपी के कई नेता ने रामचरितमानस पर दिये गये बयान को लेकर आपत्ति जतायी हैं और शिक्षा मंत्री से इस्तीफे की मांग की है। साथ ही देश की जनता से माफी मांगने की बात कही है।
इसी कड़ी में छातापुर विधानसभा से बीजेपी विधायक सह पूर्व मंत्री नीरज कुमार बबलू भी बिहार के शिक्षा मंत्री पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि जब शिक्षा मंत्री ही इस तरह का विवादित बयान देंगे तो बिहार में शिक्षा का क्या होगा?
छातापुर से बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि हिन्दू धर्म की भावना को ठेस पहुंचाने वाला यह बयान है। इन लोगों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। किसी धर्म को खुश करने के लिए अनाप-शनाप बयान देते हैं। यदि ऐसा बयान देंगे तो हिन्दू धर्म के लोग भी पूछेंगे कि रामचरितमानस यदि गलत है तब जवाब दो कि तुम किस धर्म के लोग हो।
इसी बीच प्रो. चंद्रशेखर ने कहा है कि वे अपने बयान पर कायम हैं और उनका कहना है कि उन्होंने कुछ ऐसा नहीं कहा है जिसके लिए उन्हें मांफी मांगने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि माफी तो उन लोगों को मांगनी चाहिए जिन्होंने अन्याय किया है। इस दौरान शिक्षा मंत्री रामचरितमानस की आधी अधूरी जानकारी पर अपना बेतुका तर्क देते नजर आए।
प्रो. चंद्रशेखर ने कहा है कि रामचरितमानस में 5-6 ऐसे दोहे हैं जो विरोध करने योग्य हैं। उन्होंने कहा कि उन दोहों को लेकर मुझे आपत्ति है, इसलिए उसको लेकर बयान दिया था। इस दौरान उन्होंने हिन्दू धर्म के कई ग्रंथों को लेकर अपने विचार रखे और कहा कि सालों साल से इसको लेकर वैचारिक संघर्ष चल रहा है।
प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है। यह समाज में पिछड़ों, महिलाओं और दलितों को शिक्षा हासिल करने से रोकता है और उन्हें बराबरी का हक देने से रोकता है। चंद्रशेखर ने कहा मनुस्मृति के बाद रामचरितमानस नफरत के इस दौर को आगे बढ़ाया है।