रामचरितमानस पर टिप्पणी करके बुरे फंसे चंद्रशेखर, पटना सिविल कोर्ट में याचिका दायर

रामचरितमानस पर टिप्पणी करके बुरे फंसे चंद्रशेखर, पटना सिविल कोर्ट में याचिका दायर

PATNA:हिन्दूओं के धर्म ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने जो विवादित बयान दिया उसकी हर जगह निंदा हो रही है। अब तो उनके खिलाफ लगातार केस दर्ज किये जा रहे हैं। दिल्ली में केस दर्ज होने के बाद अब बिहार में भी उनके खिलाफ परिवाद पत्र दायर हो रहे है। नवादा, आरा और गया में उनके खिलाफ परिवाद पत्र दायर होने के बाद अब पटना सिविल कोर्ट में भी याचिका दायर की गयी है। 


भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश सिंह ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ पटना सिविल कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इससे पूर्व मोर्चा के सदस्यों ने शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर का पुतला फूंका और जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। दुर्गेश सिंह ने बताया कि शिक्षा मंत्री के विवादित बयान से सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को गहरा दुख पहुंचा है। जब तक चंद्रशेखर माफी नहीं मांगेंगे तब तक आंदोलन जारी रहेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की। 


बता दें कि पिछले दिनों रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी किये जाने के मामले में गया व्यवहार न्यायालय में विभिन्न लोगों ने अलग-अलग 5 परिवाद दायर किया। इनमें से कुछ में जमानतीय तो कुछ में गैर जमानती धाराएं लगी हैं। बीजेपी के जिलाध्यक्ष धनराज शर्मा ने भी एक परिवाद दर्ज किया है। इसके अलावे चार अलग-अलग लोगों ने परिवाद दायर किया है। वहीं आरा सिविल कोर्ट में बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष नागेंद्र कुमार उर्फ कौशल यादव ने भी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ परिवाद पत्र दाखिल कराया है।


बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान को लेकर लेकर बीजेपी अब काफी आक्रामक रूप में नजर आ रही है। जहां आज आरा सिविल कोर्ट में बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष नागेंद्र कुमार उर्फ कौशल यादव ने मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ परिवाद पत्र दाखिल किया। न्यायालय से इस मामले पर संज्ञान लेने और कानूनी कार्रवाई किये जाने की गुहार लगाई गई। वहीं दिल्ली और बिहार के नवादा और सुपौल में भी मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ केस दर्ज किया गया। अब पटना व्यवहार न्यायालय में उनके खिलाफ याचिका दायर की गयी है। यूं कहे की मंत्री चंद्रशेखर की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।  


कैमूर जिले के भभुआ व्यवहार न्ययालय में भी आज तीन लोगों ने चंद्रशेखर के खिलाफ परिवाद दाखिल कराया। परिवाद दायर करने वाले लोगों ने बताया कि रामायण पर हर हिंदूयों की पूर्ण आस्था है। भारत बहुसंख्यक हिंदुओं का देश है और हिंदुओं के देवता भगवान राम और उनके चरित्र का विवरण देने वाली पुस्तक रामायण एवं रामचरितमानस के असीम आस्था को शिक्षा मंत्री ने ठेस पहुंचाया है। जिसको लेकर आज उन्होंने व्यवहार न्यायालय भभुआ के समक्ष परिवाद दाखिल कराया ।


व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया रामचरितमानस जो है वह हिंदू धर्म का संरक्षिका है और हिंदू धर्म के लोगों का काफी विश्वास और आस्था उसके साथ ही हिंदू धर्म के लोग अपने सारे कार्य को करते हैं और इन्होंने रामचरितमानस पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करके इन्होंने हिंदू धर्म के प्रति नफरत फैलाने का काम किया है । जिससे हिंदू धर्म पर ठेस पहुंचा । जिससे बिहार सरकार के मंत्री डॉक्टर चंद्रशेखर जो कि बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री हैं उनके ऊपर 3 लोगों ने व्यवहार न्यायालय भभुआ में परिवाद दाखिल कराया ।


रघुवंश प्रसाद राम ने बताया सबसे पहले प्रभु श्री राम हिंदुओं के आस्था का केंद्र है। हम सेवरी वंशज से आते हैं।जब हमारे सेवरी का जूठन खाए हैं प्रभु श्री राम। हमारे आस्था के केंद्र के साथ-साथ हमारे आराध्य हैं। और उनके ऊपर जो वर्तमान में बिहार के शिक्षा मंत्री टिप्पणी किए हैं रामचरितमानस पर प्रश्न खड़ा किए हैं इससे हमारे 130 करोड़ हिंदुओं को आहत पहुंचा है इसी को लेकर हम आज उनके ऊपर केस दायर किए हैं ।


वहीं भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने बताया बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर के द्वारा रामचरितमानस पर सवाल उठाया गया है उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ नफरत फैलाने वाली है उनका यह बयान बहुत ही गलत है क्योंकि रामचरितमानस जो है वह 100 करोड़ लोगों के आस्था का ग्रंथ है। हिंदुओं का ग्रंथ है हम सभी उस पर विश्वास करते हैं उन्होंने इस तरह का बात बोल कर 100 करोड़ हिंदुओं को ठेस पहुंचाए हैं इसलिए आज भभुआा न्यायालय में लोगों ने परिवाद दायर किया गया है।