PATNA : बिहार में राज्यसभा की 6 सीट अप्रैल महीने में खाली हो रही है। उसके लिए चुनावी प्रक्रिया चल रही है। इसको लेकर 14 फरवरी को एनडीए के तीनों उम्मीदवार संजय झा, भीम सिंह और धर्मशीला गुप्ता के अलावे कांग्रेस कैंडिडेट अखिलेश प्रसाद सिंह ने नामांकन किया था। वहीं, 15 फरवरी को राजद के दोनों प्रत्याशी मनोज झा और संजय यादव ने नामांकन किया था।
वहीं, 15 फरवरी ही नामांकन का अंतिम दिन था। यहां 6 सीटों के लिए 6 उम्मीदवारों के नामांकन भरने के कारण मतदान की नौबत नहीं आई। ऐसे में राज्यसभा चुनाव के लिए 6 सीटों पर निर्विरोध चयन होना तय है। इसमें बीजेपी और आरजेडी से दो-दो और जेडीयू और कांग्रेस से एक-एक सदस्य राज्यसभा जाएंगे। ऐसे में अब 20 फरवरी को नामांकन वापस लेने का अंतिम दिन है। यदि कोई भी उम्मीदवार नामांकन वापस नहीं लेते हैं तो सभी को सर्टिफिकेट आज ही दे दिया जाएगा।
ऐसे में चुनाव नहीं होने के कारण सभी उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो जाएंगे। वैसे चुनाव आयोग की तरफ से 27 फरवरी को चुनाव की तिथि निर्धारित की गई थी। 27 फरवरी को ही काउंटिंग भी होती लेकिन अब उसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि, बिहार में इस बार राज्यसभा के चुनाव में जेडीयू को एक सीट का नुकसान हो रहा है तो वहीं बीजेपी को एक सीट का लाभ मिल रहा है।
मालूम हो कि,अप्रैल में जिन सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उसमें बीजेपी से सुशील कुमार मोदी, जेडीयू से वशिष्ठ नारायण सिंह और अनिल हेगड़े, आरजेडी से मनोज झा और अशफाक करीम और कांग्रेस से अखिलेश प्रसाद सिंह शामिल है। इनमें से कांग्रेस के अखिलेश सिंह और आरजेडी के मनोज झा को फिर से दोनों दलों की तरफ से मौका दिया गया है। वहीं बीजेपी ने भीम सिंह और धर्मशीला गुप्ता को और जेडीयू ने संजय झा को मौका दिया है।
उधर, एनडीए उम्मीदवारों के नामांकन के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के साथ एनडीए के वरिष्ठ नेता पहुंचे थे। वहीं कांग्रेस के नामांकन के समय भी बिहार इकाई के कई नेता पहुंचे थे, जबकि आरजेडी उम्मीदवारों के नामांकन के समय अध्यक्ष लालू यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी पहुंचे थे।