क्या से क्या हो गया देखते-देखते.. राजस्थान में सत्ता के रण का क्लाइमेक्स शुरू

क्या से क्या हो गया देखते-देखते.. राजस्थान में सत्ता के रण का क्लाइमेक्स शुरू

DESK : साल 2018 में भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त देकर राजस्थान की सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस की सरकार पर बड़ा संकट दिख रहा है। अशोक गहलोत की कुर्सी रहेगी या जाएगी यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है। देखते ही देखते राजस्थान कांग्रेस के अंदर दो फाड़ की स्थिति बन गई है और अब राजस्थान में सत्ता के रण का क्लाइमेक्स शुरू हो चुका है। जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक के शुरू हो गई है। कांग्रेस के विधायकों ने समय से पहले ही बैठक में पहुंचना शुरू कर दिया था। वहीं राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट दिल्ली में डेरा जमाए बैठे हैं। 


पिछले कुछ दिनों से राजस्थान कांग्रेस में विवाद बढ़ता जा रहा था और रविवार को सचिन पायलट ने खुलकर मोर्चा खोलते हुए दिल्ली के लिए उड़ान भर दी। लगातार खबरें आ रही है कि सचिन पायलट जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। उधर कांग्रेस ने विधायकों की बैठक में पहुंचे पार्टी के सीनियर लीडर महेंद्र चौधरी ने दावा किया है कि बीजेपी राज्य में सरकार नहीं गिरा पाएगी क्योंकि कांग्रेस के सभी विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हैं। सूत्रों के हवाले से कांग्रेस के तकरीबन 27 विधायक के सचिन पायलट के साथ बताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार की देर रात भी पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की थी। 


सचिन पायलट और उनका साथ देने वाले कांग्रेस के विधायक के आज की बैठक में नहीं पहुंचे हैं। कांग्रेस ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि अगर कोई विधायक के बिना वाजिब कारण बताएं बैठक से दूर रहता है तो पार्टी उसके खिलाफ एक्शन ले सकती है। राजस्थान कांग्रेस ने प्रदेश की कमान जल्द ही नए अध्यक्ष को दी जा सकती है। बताया जा रहा है कि पार्टी रघुवीर मीणा को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। आपको याद दिला दें कि प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद शुरू हुआ था जो अब आर या पार की लड़ाई तक पहुंच चुका है। राजस्थान में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच विधायकों की बैठक में क्या कुछ होता है इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।