BEGUSARAI : बेगूसराय और पटना के बीच गंगा नदी पर बने राजेन्द्र पुल पर भारी वाहनों के परिचालन का मामला सुलझता नहीं दिख रहा है। बेगूसराय के सांसद और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मसले पर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। उन्होनें कहा कि भारी वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
बेगूसराय में आयोजित एक प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान गिरिराज सिंह ने कहा कि राजेन्द्र पुल के मसले पर प्रोजेक्ट डायरेक्टर समेत तमाम बड़े अधिकारियों से बात हुई है। उन्होनें बताया कि दो टन तक के आवश्यक सामग्रियों को इस पुल से गुजरने की इजाजत दी जा सकती है। ज्यादा भारी वाहनों को इस पुल से गुजरने की इजाजत नहीं दी जा सकती। वहीं उन्होनें कहा कि इस मसले पर पहले ही रेलवे और नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने हाथ खड़े कर दिए हैं। दोनों ने ही साफ कर दिया है कि अगर भारी वाहनों को इस पुल से चलाया जाता है तो भविष्य में किसी भी बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि वाहनों का परिचालन रोकने संबंधी रेलवे की चिट्ठी के बाद एनएचएआई ने एक रिपोर्ट तैयार की थी। एनएचएआई के इंजीनियरों ने रिपोर्ट में पुल के कई अहम हिस्से को खतरनाक बताया था। एनएचएआई का कहना है कि यदि पुल पर वाहनों का परिचालन बंद नहीं किया गया तो इसका कोई हिस्सा कभी भी टूट सकता है। इस पर बाइक और ई-रिक्शा को छोड़ कर किसी भी प्रकार का वाहन चलाना खतरनाक है।
भारी वाहनों को परिचालन बंद किए जाने के निर्णय के बाद बेगूसराय के लोगों ने इसका जमकर विरोध किया था। बिहार की व्यवसायिक राजधानी कहे जाने वाले बेगूसराय से पटना और बिहार के अन्य क्षेत्रों के लिए भारी वाहनों का परिचालन किया जाता है। यहां के व्यवसायियों का कहना है कि पुल पर परिचालन बंद होने से ट्रांसपोर्टिंग खर्च में भारी इजाफा हो जाएगा जिससे व्यवसाय चौपट होने के कगार पर पहुंच जाएगा।