DESK: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और बिहार-हरियाणा के राज्यपाल रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता जगन्नाथ पहाड़िया का बुधवार की रात कोरोना से निधन हो गया। 89 साल के पहाड़िया ने गुड़गांव के अस्पताल में अंतिम सांस ली। दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट पर आज अंतिम संस्कार होगा। उनके निधन पर राजस्थान सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक और सरकारी कार्यालय में छुट्टी की घोषणा की है। इस दौरान सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। उनके निधन से राजनितिक गलियारों में शोक की लहर है।
अपने 13 महीने के कार्यकाल में प्रदेश में शराबबंदी लागू करने वाले पहले मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया थे। 6 जून 1980 से 14 जुलाई 1981 तक सिर्फ 13 महीने ही जगन्नाथ पहाड़िया राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे थे। जगन्नाथ पहाड़िया 1957, 1967, 1971 और 1980 में सांसद और 1980, 1985, 1999 और 2003 में विधायक भी रहे। वे इंदिरा गांधी कैबिनेट में मंत्री भी रहे थे। उनके पास वित्त, उद्योग, श्रम, कृषि जैसे विभागों की जिम्मेदारी थी। वे 1989 से 1990 तक एक साल के लिए बिहार और 2009 से 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल भी रहे थे।
जगन्नाथ पहाड़िया राजस्थान के एक मात्र दलित मुख्यमंत्री रहे हैं। उनसे पहले और उनके बाद कोई दलित नेता राजस्थान में सीएम नहीं बना। भरतपुर के भुसावर में एक दलित परिवार में पैदा हुए पहाड़िया शुरू से ही बेबाक थे। उनकी बेबाकी ही उनके राजनीति में आने की वजह बनी। 1957 में देश के दूसरे आम चुनाव में पहाड़िया सवाई माधोपुर से सांसद का चुनाव जीते। इस तरह से पहाड़िया का चुनावी सफर शुरू हुआ था।