रेलवे में मौत का सफर, 24 घंटे में बिहार-यूपी के 9 प्रवासी मजदूरों ने ट्रेन में तोड़ा दम

रेलवे में मौत का सफर, 24 घंटे में बिहार-यूपी के 9 प्रवासी मजदूरों ने ट्रेन में तोड़ा दम

PATNA : रेलवे में लाखों का संख्या में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी लगातार जारी है। लेकिन इस बीच रेलवे का ये सफर मौत का सफर बनता जा रहा है।अब तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से घर लौट रहे 9 लोग ट्रेन में ही अपनी जान गवां चुके हैं। यूपी से लेकर बिहार तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में मौत का सिलसिला लगातार जारी है। यात्रियों के परिजनों से रेलवे की कुव्यवस्थाओं को इसका जिम्मेवार ठहराया है।


बिहार में भी स्पेशल ट्रेन में अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है। झारखंड में भी एक प्रवासी श्रमिक की ट्रेन यात्रा के दौरान मौत हुई है जबकि यूपी के बनारस और बलिया में पिछले 24 घंटे के दौरान श्रमिक स्पेशल में यात्रा कर रहे चार प्रवासियों की मौत हो गई।माना जा रहा है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनें जिस तरह से अपने गंतव्य पर घंटों देरी से पहुंच रही ऐसे में इसमें सफर कर रहे यात्रियों से भोजन पर भी आफत आ जा रही है। पीने का पानी तक लोगों को नहीं मिल रहा। ऐसे में कई जगहों से स्टेशन पर खाना और पानी लूटने की खबरें भी सामने आती रही हैं। परिजनों का कहना है कि रेलवे की कुव्यवस्था का शिकार होकर उनके अपने दम तोड़ रहे हैं।


बिहार के मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर एक महिला ने भूख और गर्मी से बेहाल होकर दम तोड़ दिया और उसका छोटा सा बच्चा अपने मां के ऊपर ओढ़ाए गए कफ़न को हटाकर जगाने की कोशिश करता रहा। इस घटना की हिला देने वाला वीडियो सामने आया है। इस वीडियो को देख लोगों का दिल दहल उठेगा। इधर बनारस के  मंडुआडीह स्टेशन पर बुधवार को मुंबई से चलकर पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 2 लोगों के अलग-अलग बोगियों मृत मिलने से हड़कंप मच गया। चेन्नई से मधुबनी पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बुधवार को लाश मिलने से सनसनी फैल गयी।


श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 4 यात्रियों की मौत की खबर को लेकर रेल मंत्रालय ने अपनी ओर से आपत्ति जताई है।रेलवे प्रवक्ता का कहना है कि भारतीय रेल के अधिकारियों की ओर से विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर जरूरत पड़ने पर यात्रियों को तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाती है। सभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में अनिवार्य रूप से खाना और पीने के पानी की व्यवस्था सभी यात्रियों को उपलब्ध कराई जा रही है। खबर में जिन स्टेशनों का जिक्र किया गया है उनके स्टेशन पर तैनात अधिकारियों का कोई पक्ष नहीं लिया गया है, जो उचित नहीं है। रेलवे अधिकारी का कहना है कि यह कठिन समय है। रेलवे अपनी पूरी कोशिश कर रहा है। हर किसी की हरसंभव मदद हो रही है।