Bihar politics : 'अरे भले आदमी जरा जोर से बोलो ...', शाहाबाद में ऐसा क्यों कहे अमित शाह; जानिए वजह Bihar News: करंट लगने से बच्ची की मौत, परिजनों ने बिजली विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप Railway Board : रेल यात्री के लिए राहत वाली खबर ! अब राजगीर तक जाएगी पटना-लोकमान्य टर्मिनस एक्सप्रेस, जानिए टाइम और स्टोपेज Swami Avimukteshwarananda statement: ‘यह तुम्हारी नहीं, तुम्हारे गुरु की मूर्खता है’, धीरेंद्र शास्त्री को अविमुक्तेश्वरानंद का करारा जवाब BIHAR CRIME : स्मैक पीने से मना करना पड़ा महंगा, गुस्साए कर दिया एसिड अटैक; 14 जख्मी Bihar Crime News: बहू के कारनामे से पिता-पुत्र की मौत, छोटे बेटे की हालत गंभीर BIHAR NEWS : बच्चों से भरी स्कूल बस और पेट्रोल टैंकर की टक्कर, आधा दर्जन से अधिक बच्चे बुरी तरह घायल Bihar News: बिहार में दर्दनाक हादसा, डैम में नहाने गए 8 युवक डूबे; 2 की मौत से मचा हड़कंप Bihar Politics: गिरिराज सिंह ने RJD और कांग्रेस पर बोला हमला, कहा- राहुल गांधी ने तेजस्वी को ‘बाजार में लूट लिया’ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की पहल रंग लाई, बर्खास्त कर्मियों में उमड़ा उत्साह, अब तक इतने कर्मी लौटे वापस
1st Bihar Published by: Updated Fri, 07 Aug 2020 09:28:27 AM IST
- फ़ोटो
DESK : भारतीय रेलवे में नौकरी का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए कोरोना संकट के इस काल में एक और बुरी खबर सामने आई है. भारतीय रेलवे ने अंग्रेजों के समय से चली आ रही खलासी सिस्टम को बंद करने का फैसला लिया है.
इसके साथ ही अब बंगलो पीयोन की भी नियुक्ति नहीं की जाएगी. खबर के मुताबिक बंगलो पीयोन अधिकारियों के घर पर काम करते थे, जिनकी बहाली पर रोक लगा दी गई है. बताया जाता है कि रेलवे के अधिकारी जब तक नौकरी करते हैं उनकी सुविधा लेते रहते हैं. अधिकारी अपनी मर्जी के व्यक्ति को बंगलो पीयोन के नाम पर रेलवे में नौकरी लगवा देते हैं फिर वह मनमर्जी के जगह पोस्टिंग पा जाता है और फिर साहब के घर नया बंगलो पीयोन आ जाता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
6 अगस्त को इससे जुड़ा नियम जारी कर दिया है. जिसके बाद उनकी भर्ती नहीं की जाएगी. खलासी की बहाली के बारे में भी मुद्दा रेलवे बोर्ड में समीक्षा के अधीन था इसलिए अब फैसला लिया गया है कि आगे से खलासी की बहाली नहीं की जाएगी. रेलवे के तरफ से जारी आदेश में आगे कहा गया है कि, 1 जुलाई 2020 से ऐसी नियुक्तियों के लिए अनुमोदित सभी मामलों की समीक्षा की जा सकती है और बोर्ड को सलाह दी जा सकती है. सभी रेलवे प्रतिष्ठानों में इसका कड़ाई से अनुपालन किया जा सकता है.