Patna News: वोटर अधिकार यात्रा को लेकर पटना में ट्रैफिक डायवर्जन और स्कूल बंद, जानें... पूरी डिटेल BIHAR: मुखिया प्रतिनिधि की स्कॉर्पियो पर फायरिंग, बाल-बाल बचे 7 लोग पूर्णिया के 7 वर्षीय वेदांत ने रचा इतिहास, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम Most Dangerous Batsman: सुरेश रैना के अनुसार ये हैं दुनिया के 3 सबसे खतरनाक T20 बल्लेबाज, बिहारी बाबू के लिए बोल गए विशेष बात India Submarine Deals: समुद्र में ताकत बढ़ाने के लिए पनडुब्बी के 2 बड़े सौदे करने चला भारत, ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा होंगे खर्च Unbreakable Cricket Records: असंभव सा है क्रिकेट के इन 10 रिकॉर्ड्स को तोड़ पाना, कोशिश बहुतों ने की मगर सारे हुए फेल बिहार में नहीं थम रहा जमीन विवाद का मामला: सहरसा में 10 कट्ठा जमीन के लिए जमकर मारपीट Bihar Crime News: बिहार में ससुर ने कराई दामाद की हत्या, संपत्ति बेचकर बदमाशों को दी 12 हजार की सुपारी Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर हिंसक झड़प, विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर पथराव; दो चौकीदार घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर हिंसक झड़प, विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर पथराव; दो चौकीदार घायल
1st Bihar Published by: Updated Fri, 07 Aug 2020 09:28:27 AM IST
- फ़ोटो
DESK : भारतीय रेलवे में नौकरी का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए कोरोना संकट के इस काल में एक और बुरी खबर सामने आई है. भारतीय रेलवे ने अंग्रेजों के समय से चली आ रही खलासी सिस्टम को बंद करने का फैसला लिया है.
इसके साथ ही अब बंगलो पीयोन की भी नियुक्ति नहीं की जाएगी. खबर के मुताबिक बंगलो पीयोन अधिकारियों के घर पर काम करते थे, जिनकी बहाली पर रोक लगा दी गई है. बताया जाता है कि रेलवे के अधिकारी जब तक नौकरी करते हैं उनकी सुविधा लेते रहते हैं. अधिकारी अपनी मर्जी के व्यक्ति को बंगलो पीयोन के नाम पर रेलवे में नौकरी लगवा देते हैं फिर वह मनमर्जी के जगह पोस्टिंग पा जाता है और फिर साहब के घर नया बंगलो पीयोन आ जाता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
6 अगस्त को इससे जुड़ा नियम जारी कर दिया है. जिसके बाद उनकी भर्ती नहीं की जाएगी. खलासी की बहाली के बारे में भी मुद्दा रेलवे बोर्ड में समीक्षा के अधीन था इसलिए अब फैसला लिया गया है कि आगे से खलासी की बहाली नहीं की जाएगी. रेलवे के तरफ से जारी आदेश में आगे कहा गया है कि, 1 जुलाई 2020 से ऐसी नियुक्तियों के लिए अनुमोदित सभी मामलों की समीक्षा की जा सकती है और बोर्ड को सलाह दी जा सकती है. सभी रेलवे प्रतिष्ठानों में इसका कड़ाई से अनुपालन किया जा सकता है.