RANCHI: झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी सत्ता से बाहर ही नहीं हुई बुरी तरह से हार भी गई हैं. इस हार का कारण लोकसभा चुनाव में शानदार बहुमत मिलने के बाद बीजेपी की लालच रही है. लालच के कारण बीजेपी ने सरकार में सहयोगी रहे आजसू को गठबंधन में सीटें नहीं दी, जिससे आजसू ने अकेले चुनाव लड़ा. दूसरा कारण रघुवर दास का रवैया रहा है. जिसके कारण भाजपा नेता के साथ ही उनके समर्थक की नाखुश थे.
रघुवर के रवैया से नाराज थे कार्यकर्ता
रघुवर दास पर तानाशाह का आरोप तो पहले ही जेएमएम लगा चुकी थी. फिर भी उनका रवैया ठीक नहीं था. जिसके कारण बीजेपी के नेता उनसे खुश नहीं थे. यही कारण रहा की मंत्री सरयू राय समेत कई नेता उनसे नाराज चल रहे थे. सरयू तो खुलकर विरोध में आए, लेकिन पर्दे के पीछ रहने वाले नाराज नेताओं ने खेल कर दिया. जिसका खामियाजा रघुवर को एक बार फिर सीएम की कुर्की के पद खोना पड़ा.
लालच में दे दिया 65 पार का नारा
इस साल हुए लोकसभा के चुनाव में भाजपा ने 11 सीटें जीती और उनकी सहयोगी दल आजसू ने 1 सीट पर दर्ज की थी. यहां पर कुल 14 सीटें थी. लेकिन कुछ माह के बाद ही यहां पर बीजेपी की बुरी तरह से हार हुई है. इसका कारण अधिक लालच रहा है. बीजेपी ने इस बार 65 पार का नारा दिया था. इस 65 पार के चक्कर में अपने सहयोगी पार्टियों को भी किनारा कर दिया. अंत में आजसू अकेले 40 से अधिक सीटें पर चुनाव लड़ी. लोजपा को भी बीजेपी ने भाव नहीं दिया तो लोजपा भी अकेले चुनाव मैदान में उतर गई. जिसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा है.