PATNA : बिहार कोकिला के नाम से मशहूर लोकप्रिय लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। बिहार की समृद्ध लोक परंपराओं को उसकी सीमाओं से परे ले जाने और लोकप्रिय बनाने वाली सिन्हा का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में मल्टीपल मायलोमा (रक्त कैंसर) का इलाज चल रहा था। अब आज सुबह 9.40 बजे की इंडिगो फ्लाइट से सिंगर के पार्थिव शरीर को पटना लाया जाएगा। इस बीच सीएम नीतीश कुमार ने पटना में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करवाने का फैसला किया है।
दरअसल, 2018 में शारदा सिन्हा को मल्टिपल मायलोमा होने की खबर सामने आई थी। ये एक किस्म का ब्लड कैंसर है, तबसे उनका इलाज चल रहा था। अब 26 अक्टूबर को एम्स, दिल्ली में इनको भर्ती करवाया गया था। सोमवार रात को उनकी हालत गंभीर होने की खबर आई थी। वो वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं। इनके बेटे अंशुमन फैंस से लगातार अपनी मां के लिए दुआ करने की अपील कर रहे थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, शारदा ने जबसे अपने पति ब्रज किशोर को खोया था वो शॉक में थीं। उसी दिन से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। शादी के 54 साल बाद पति ने अंतिम सांस ली थी।
जानकारी हो कि शारदा ने अपने पूरे करियर में 9 एल्बम में 62 छठ गीत गाए थे. उनके छठ गानों के लिए बिना लोगों का ये त्योहार अधूरा रहता था। फैंस को उनकी कमी हमेशा खलेगी। उनका आखिरी छठ गीत 'दुखवा मिटाईं छठी मइया' है। शारदा के अधिकतर गाने मैथिली और भोजपुरी भाषाओं में होते थे लेकिन सिंगर ने बॉलीवुड गाने भी गाए थे। सलमान खान की फिल्म के लिए गाने शारदा के दो गाने आज भी फेमस हैं।
1994 में आई मूवी 'हम आपके हैं कौन' का विदाई सॉन्ग 'बाबुल' उन्होंने गाया था। दबंग खान की सुपर डुपर हिट मूवी 'मैंने प्यार किया' में उन्होंने सॉन्ग 'कहे तोसे सजना' गाकर दिल जीता था। ये गाना सलमान-भाग्यश्री पर फिल्माया गया था। उन्हें 1991 में पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।