पुलवामा हमले के 1 साल: हरे हुए जख्म, आज भी रुला जाती है पापा की याद, दिल में बसा है उनका चेहरा

पुलवामा हमले के 1 साल: हरे हुए जख्म, आज भी रुला जाती है पापा की याद, दिल में बसा है उनका चेहरा

DESK : आज ही के दिन भारत मां के 40 बेटों ने देश की रक्षा की खातिर अपने प्राणों की आहूती दी थी. पाकिस्तान की नापाक करतूत के कारण 40 घरों के चिराग बूझ गए थे. कई बच्चे अनाथ हो गए थे. आज जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की पहली बरसी है और देश अपने शहीद जवानों को सलाम कर रहा है.

पुलवामा हमले के एक साल पूरा होने पर सीआरपीएफ ने अपने जवानों को याद किया है. सीआरपीएफ ने अपने जवानों को याद करते हुए लिखा है कि ‘तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं. गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं. हमने भूला नहीं, हमने छोड़ा नहीं. हम अपने भाईयों को सलाम करते हैं, जिन्होंने पुलवामा में देश के लिए जान दी. हम उनके परिवारों के साथ कंधे से कंधा लगाकर खड़े हैं.’

वहीं पुलवामा हमले की पहली बरसी पर जख्म फिर से हरे हो गए हैं.उस हृदय विदारक घटना की तस्वीर अभी भी आखों से जाती नहीं है. इस हमले में बिहार के पटना के मसौढ़ी के जवान संजय कुमार सिन्हा भी शहीद हो गए थे. आज भी अपने पापा को याद करते हुए उनकी दोनों बेटियां रुबी और वंदना रो पड़ती हैं.उन्होंने कहा कि आज भी पापा की याद हमें तड़पाती है. कोई ऐसा दिन नहीं है जिस दिन हम उन्हें याद नहीं करते. हर समय उनका चेहरा जेहन में होता है. वहीं उनकी पत्नी बेबी देवी आज के दिन को याद करना नहीं चाहतीं. वे आज के दिन को याद करते हुए फफक पड़ती हैं और कहतीं हैं कि आज ही की सुबह आखिरी बार एक साल पहले उनसे बात हुई थी. दिल में आज भी उनका चेहरा बसा है.

बता दें किआज ही के दिन एक साल पहले पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने पुलवामा में हमला किया था. एक गाड़ी बम से लैस होकर आई और CRPF के काफिले से टकरा गई. इसके बाद हुए धमाके ने 40 जवानों की जान ले ली थी.