Bihar Election 2025: हवाई प्रचार में भी आगे रही मोदी और नीतीश की जोड़ी, नेताओं ने की तूफानी रैलियां; जानिए रेस में कहां हैं राहुल और तेजस्वी Bihar Crime News: बिहार में वर्चस्व की लड़ाई में जमकर गोलीबारी; महिला के गले में लगी गोली, कई घायल Bihar Election 2025 : बिहार में पिछले 30 दिनों तक खूब सुनाई पड़े "जिंदाबाद के नारे", चुनाव में किन मोर्चे पर गरजे बड़े- बड़े नेता; इस बार क्या रही पूरी चुनावी कहानी Bihar News: बिहार में ठगों ने रिटार्यड बैंककर्मी को लगाया लाखों का चूना, कहीं आप भी तो नहीं करते ऐसी गलती.. Bihar Election 2025: NDA के नताओं ने जमकर उड़ाए हैलिकॉप्टर, अब यहां हो गई नीतीश और मोदी से बड़ी चूक; जानिए क्या है पूरी खबर Bihar Election 2025 : बिहार में खत्म हुआ चुनावी शोर, तेजस्वी और राहुल से अभी ही बहुत आगे निकलें नीतीश; इस बार भी कर लेंगे किला फतह Bihar Election 2025 : नीतीश और मोदी का विकास या तेजस्वी और राहुल का MY समीकरण, बिहार चुनाव के दूसरे चरण में अबतक का क्या रहा है इतिहास Bihar Election 2025: चंपारण की सीटों पर जोरदार मुकाबला, सत्ता का गणित तय करेगी इस क्षेत्र की जनता Bihar Election 2025 : दूसरे चरण में नीतीश मिश्र और नीरज कुमार समेत 12 मंत्रियों का फैसला, कल EVM में कैद होगी किस्मत Bihar News: बिहार में JDU कार्यालय के बाहर मारपीट से मचा बवाल, कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
1st Bihar Published by: Updated Wed, 15 Sep 2021 07:58:26 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : प्रमोशन में रिजर्वेशन के मध्य प्रदेश सुप्रीम कोर्ट में अब राज्य सरकारों को 2 हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा है कि वह प्रोन्नति में एससी-एसटी को आरक्षण की अनुमति देनेवाले अपने फैसले पर दोबारा सुनवाई नहीं करेगा, क्योंकि राज्यों को यह निर्णय करना है कि वे कैसे इसे लागू करेंगे. विभिन्न राज्यों में प्रोन्नति में एससी-एसटी को आरक्षण देने में आ रही दिक्कतों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई के तीन सदस्यीय पीठ ने राज्य सरकारों के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड को निर्देश दिया कि वे उन मुद्दे की पहचान करें, जो उनके लिए अनूठे हैं और दो सप्ताह में ऐसे मामलों की जानकारी दें. इसके साथ ही मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर तक स्थगित कर दी। पीठ ने स्पष्ट किया कि वह नागराज या जरनैल सिंह मामले को फिर से नहीं खोलेगा, मालूम हो कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी की प्रोन्नति में आरक्षण का रास्ता साफ कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि हम यहां पर सरकार को यह सलाह देने के लिए नहीं है कि उन्हें क्या करना चाहिए। यह हमारा काम नहीं है कि सरकार को बताएं कि वह नीति कैसे लागू करे। यह स्पष्ट व्यवस्था दी गयी है कि राज्यों को इसे किस तरह लागू करना है और कैसे पिछड़ेपन और प्रतिनिधित्व पर विचार करना है। न्यायिक समीक्षा के अधीन राज्यों को तय करना है कि उन्हें क्या करना है।
बिहार में सभी स्तर के सरकारी कर्मियों का प्रमोशन 2019 से रुका पड़ा है। राज्य सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का इस पर अंतिम फैसला आने के बाद ही प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो पायेगी। पटना हाइकोर्ट ने 2019 में प्रोन्नति में आरक्षण नहीं देने का फैसला सुनाया था। इसके बावजूद राज्य सरकार एससी-एसटी वर्ग को प्रमोशन में वरीयता देना चाहती थी। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के चले जाने के बाद राज्य सरकार ने सरकारी सेवकों की प्रोन्नति पर ही रोक लगा रखी है उधर कर्मचारी संघों का कहना है कि हाईकोर्ट ने अपने आदेशों में सभी वर्गों की प्रोन्नति रोकने का कोई निर्देश नहीं दिया था। इसके बावजूद सरकार अपने तरीके से निर्णय ले रही।