PATNA: पटना हाई कोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति मामले पर सुनवाई करते हुए बीपीएससी व तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी से जवाब दाखिल करने को कहा है। न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की एकल पीठ ने उक्त मामले पर सुनवाई करते हुए यह भी कहा है कि इस बीच यदि नियुक्ति की जाती है तो वो अदालत के फैसले पर निर्भर करेगा। उक्त मामले में याचिकाकर्ता दिलीप कुमार चौधरी के अधिवक्ता नवजोत ईशू ने बताया कि सूबे के विभिन्न विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हेतु बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन संख्या -63/ 2014 निकाला गया था, जोकि लेबर एंड सोशल वेलफेयर से संबंधित है।
आयोग ने याचिकाकर्ता को लेबर एंड सोशल वेलफेयर के डिग्री को इंडस्ट्रियल रिलेशन्स एंड पर्सनल मैनेजमेंट के समतुल्य नहीं मानते हुए अयोग्य अभ्यर्थियों की सूची में रखा है। आयोग द्वारा सिर्फ एक उम्मीदवार को योग्य घोषित किया गया है, जबकि शेष बचे हुए 311 उम्मीदवारों को उक्त आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया है। उक्त डिग्री का नाम भी तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी ने विगत 28-04-2001 को नोटिफिकेशन निकालकर बदल दिया है।
आयोग का पक्ष अधिवक्ता संजय पांडे ने रखा। वहीं, टी एम भागलपुर यूनिवर्सिटी का पक्ष अधिवक्ता अशर मुस्तफा ने रखा, जबकि राज्य सरकार का पक्ष अधिवक्ता समीर कुमार ने रखा। इस मामले में आगे की सुनवाई आगामी 21 अक्टूबर को की जाएगी।