NALANDA : कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार द्वारा निजी विद्यालयों को बंद किए जाने के आदेश के बाद निजी विद्यालय के संचालकों ने विद्यालय खोलने की मांग को लेकर जिलाधिकारी से मुलाक़ात कर सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा. करीब 50 की संख्या में शिक्षण संस्थानों के संचालक जिला समाहरणालय पहुंचे जहां शिक्षण संस्थानों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह से मुलाक़ात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा.
प्रतिनिधि मंडल में नालंदा हेरिटेज स्कूल के प्रिंसिपल कर्नल आरएस नेहरा, पब्लिक़ स्कूल एसोसिएशन के संरक्षक अरविंद कुमार सिंह, स्वतंत्र शिक्षण संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेंद्र कुमार उर्फ़ भारत मानस, पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष रंजन, निजी शिक्षण संस्थान के सचिव महेश प्रसाद शामिल थे. दरअसल, राज्य सरकार द्वारा कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 11 अप्रैल तक सभी निजी और सरकारी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का निर्देश जारी किया गया है. शिक्षण संस्थान के संचालकों ने सरकार के सामने एक बड़ा सवाल रखा है जिसमें इन लोगों का कहना है कि जब अन्य कार्य कोविड गाइडलाइन्स के तहत चल रहे हैं तो ऐसे में विद्यालयों को बंद करना कहां तक उचित है.
संचालकों का कहना है कि हम लोग पिछले 1 साल से लॉकडाउन के कारण परेशान हैं और फिर से विद्यालयों को बंद किया जाना सभी विद्यालय के संचालकों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न कर देगा. निजी विद्यालयों के संचालकों ने कहा कि स्कूल बंद होने से बेरोजगारी बढ़ेगी और शिक्षक भुखमरी के कगार पर आकर खड़े हो जाएंगे. साथ ही साथ बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा.