DESK : कोरोना महामारी के बीच निजी अस्पतालों ने मरीजों का इलाज कर मोटी रकम बनाई. लेकिन निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर जो खेल खेला जा रहा है. उसकी हकीकत लखनऊ से सामने आई है. लखनऊ जिला प्रशासन ने एक साथ 45 प्राइवेट अस्पतालों में छापेमारी की तो सभी अचरज में पड़ गए. दरअसल इनमें से ज्यादातर अस्पतालों में इलाज के नाम पर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा था.
लखनऊ जिला प्रशासन की तरफ से की गई छापेमारी में कई निजी अस्पतालों के अंदर ऑपरेशन थिएटर में दवा की जगह बीयर की बोतल मिली है. स्वास्थ्य विभाग और लखनऊ जिला प्रशासन की टीम ने अलग-अलग अस्पतालों में छापेमारी की 6 टीमों का गठन किया गया था. प्राइवेट अस्पतालों की जांच में यह पाया गया कि ज्यादातर अस्पतालों का लाइसेंस एक्सपायर हो चुका है. किसी भी अस्पताल में डॉक्टर नजर नहीं आए. कई अस्पताल तो ऐसे हैं, जहां बीएससी पास करने वाले स्टूडेंट मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इन सभी अस्पतालों को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नोटिस जारी कर दिया गया है.
लखनऊ के तुलसी एंड ट्रामा सेंटर हॉस्पिटल में छापेमारी के दौरान ऑपरेशन थिएटर के अंदर रखी फ्रिज में बीयर की बोतल मिली है. इस अस्पताल का लाइसेंस खत्म हो चुका है. ट्रॉमा सेंटर में चार आईसीयू बेड थे. लेकिन डॉक्टर नदारद थे. छापेमारी के दौरान बीयर की बोतलें मिलने के बाद इस अस्पताल के ऊपर कार्यवाही की गई है.
उधर मॉडर्न हॉस्पिटल मेटरनिटी एंड ट्रॉमा सेंटर में भी तीन आईसीयू के बैठे हैं. लेकिन एक्स-रे और इमरजेंसी जैसी सुविधाएं नहीं है. डॉक्टर यहां भी नहीं नजर आए स्टाफ कॉर्नर से जो हॉस्पिटल में काम कर रहे हैं, उनके पास नरसिंह की डिग्री तक नहीं थी. इसी तरह न्यू एशियन हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में भी बदहाली देखने को मिली यूपी में प्राइवेट अस्पतालों के अंदर इलाज किस कदर होता है. इसकी पोल प्रशासन की छापेमारी में खुल गई है.