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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 28 Oct 2024 10:32:43 AM IST
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PATNA : बिहार के लोगों के लिए यह काफी अच्छी खबर है। बिहार के राजेंद्र नगर अतिविशिष्ट नेत्र रोग अस्पताल को निजी हाथों में देने की तैयारी है। स्वास्थ्य विभाग कुछ निजी अस्पतालों से बातचीत कर रहा है। बेंगलुरू के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर और अधिकारी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। अस्पताल में डॉक्टर और चिकित्साकर्मियों की कमी है फिर भी यहां हर दिन 300 से अधिक मरीजों को मुफ्त सेवाएं दी जा रही हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परिकल्पना पर बड़े कारपोरेट हॉस्पिटल की तर्ज पर बनाए गए प्रदेश के इकलौते राजेंद्र नगर अतिविशिष्ट नेत्र रोग अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग निजी हाथों में दे सकता है। इसके लिए कुछ निजी अस्पतालों से बातचीत चल रही है। बेंगलुरू स्थित एक निजी अस्पताल के चिकित्सक व पदाधिकारी इसका निरीक्षण करने पहुंचे।
स्वास्थ्य विभाग से मिले निर्देश के आलोक में प्रभारी निदेशक डॉ. अजीत कुमार द्विवेदी अवकाश के दिन आए और टीम को सभी छह माड्युलर ओटी समेत 106 बेड का पूरा अस्पताल घुमाया। हालांकि, टीम या निदेशक ने यह नहीं बताया कि वे किस अस्पताल से हैं, लेकिन शंकर नेत्रालय प्रबंधन की चर्चा की जा रही थी।
कर्मचारियों ने बताया कि 2020 में नए भवन का उद्घाटन हुआ था। कोरोना महामारी के दौर में जब आइसोलेशन के लिए बेड कम पड़ गए थे तो यहां रोगियों को रखा गया था। स्थापना काल से ही यहां निदेशक के अलावा कोई स्थायी डॉक्टर या चिकित्साकर्मियों की नियुक्ति नहीं हुई। वर्तमान में तो प्रभारी निदेशक के अलावा सिर्फ चार प्रतिनियुक्त डॉक्टर व चार बांड डॉक्टरों के सहारे यह अस्पताल चल रहा है। बावजूद इसके हर दिन चार से पांच मोतियाबिंद सर्जरी के साथ कई महंगी जांचें मुफ्त की जा रही है।
आपको बताते चलें कि ओपीडी सेवा का प्रतिदिन औसतन 300 से अधिक मरीज लाभ लेते हैं। कर्मचारियों के अनुसार यदि बेड संख्या के अनुसार चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों की नियुक्त की जाए तो यह प्रदेश का बड़ा अस्पताल बन सकता है। दिवाली पर्व को देखते हुए सिविल सर्जन ने सरकारी के साथ निजी अस्पतालों को भी अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। इसके लिए पत्र जारी कर दिया गया है।