DESK : देश और दुनिया में अभी जो स्थिति है उसकी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी. इस वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया को पिछले 3 महीने से अपने गिरफ्त में ले रखा है. इस महामारी ने विकसित, विकासशील और अविकसित देशों के भेद को मिटा दिया है. संकट के इस दौर से बाहर निकलने के लिए हर इंसान अपने स्तर से योगदान दे रहा है. साइंटिस्ट, डॉक्टर्स, नर्सेस, पुलिस, मीडियाकर्मी, सफाई कर्मचारी या आम नागरिक सभी अपने-अपने स्तर से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में अपना योगदान दे रहे हैं.
देश के अलग-अलग हिस्सों से आई इन तस्वीरों को देख कर लगता है कि हम जल्द ही इस वैश्विक महामारी को मात देने में कामयाब होंगे. जब सब मिल के किसी लड़ाई को लड़ते हैं तो उस लड़ाई में जीत जरुर मिलती है. यदि देश का प्रधान सेवक आगे आ कर मिसाल पेश करे तो लोग भी उस मुहीम में जुड़ जाते है. चाहे वो देश की प्रथम महिला ही क्यों ना हों.
देश की प्रथम महिला सविता कोविंद इन दिनों प्रधान मंत्री की पहल के साथ जुड़ गई हैं. वो इन दिनों राष्ट्रपति एस्टेट के शक्ति हाट में श्रम दान दे रही हैं. राष्ट्रपति की पत्नी इन दिनों कोरोना से जंग में इस्तेमाल होने वाले प्रथम हथियार, यानि मास्क की सिलाई कर रही हैं. वो गरीबों के लिए मास्क सिल रही हैं. इन मास्क को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के विभिन्न शेल्टर्स होम में वितरित किए जाएंगे. मास्क बनाते वक्त वो खुद भी लाल रंग के कपड़े का मास्क पहन रखा है. इससे पहले उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के हिस्से के रूप में अपना अंशदान भी दिया है .
दरअसल, हेल्थ एक्सपर्ट्स ने यह सुझाया है कि लोग घर के कपड़ों के बने मास्क या गमछा का इस्तेमाल कर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर कोरोना वायरस के संक्रमण से बच सकते हैं. बता दें कि इससे पहले भी कई केंद्रीय मंत्रियों के परिवार ने भी मास्क बनाकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान दिया है.