PATNA : कोरोना आपदा के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार तीसरे दिन आज क्वॉरेंटाइन सेंटरों का निरीक्षण करते नजर रहे है. 8 जिलों के 16 क्वॉरेंटाइन सेंटर का मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निरीक्षण किया. इस दौरान वह प्रवासियों से बातचीत भी करते रहे. लेकिन तीसरे दिन की तस्वीर आज सबसे अलग थी. प्रवासियों से बातचीत करते हुए उनका दर्द सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भावुक हो गए. मुख्यमंत्री ने प्रवासियों से जब लॉकडाउन के बीच उनकी आपबीती सुनी तो उनसे रहा नहीं गया.
रोजगार सृजन पर फोकस कर रही सरकार
मुख्यमंत्री ने तमाम प्रवासियों को यह भरोसा दिया कि राज्य में रोजगार सृजन पर सरकार नए सिरे से फोकस कर रही है. भागलपुरी सिल्क सहित मुंगेर में कपड़ा उद्योग की संभावनाओं को देखते हुए नए सिरे से वहां रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा बिहार में कपड़ा जूता बैग फर्नीचर और साइकिल उद्योगों से जुड़ी असीम संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार इन क्षेत्रों में मजदूरों को रोजगार मुहैया कराना चाहती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास बहुत बड़ा बाजार है और इसीलिए हमने उद्योग लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया है.
कोशिश होगी की कोई बाहर नहीं जाए
प्रवासियों की दुख तकलीफ सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को बाहर काफी कष्ट का सामना करना पड़ा. हम प्रयास करेंगे कि सबको यही रोजगार मिले और किसी को अकारण बिहार से बाहर नहीं जाना पड़े. सरकार सबके रोजगार के लिए नीति बनाकर काम कर रही है. बिहारी श्रम को बिहार के विकास में भागीदार बनाने का प्रयास जारी है. इसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों का पूरा डिटेल सर्वे कराने का निर्देश अधिकारियों को दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कौन प्रवासी कहां से आया क्या रोजगार करता था उनको यहां कैसे रोजगार उपलब्ध कराए जा सकते हैं ताकि वह बाहर ना जाए इसकी पूरी डिटेल रिपोर्ट तैयार होनी चाहिए.