PATNA: छपरा में जहरीली शराब से अबतक 40 से अधिक लोगों की मौतें हो चुकी हैं। एक साथ इतने लोगों की मौत को लेकर बिहार का सियासी पारा गरम हो चुका है। बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में बीजेपी के विधायक इसके खिलाफ सरकार को घेरने की पूरजोर कोशिश की। मृतकों के परिजनों को मुआवजा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि जो शराब पिएगा वो मरेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बयान के आने बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर हमलावर हो गये। उन्होंने कह दिया कि शराबबंदी पर सबसे मुखर आवाज मैंने ही उठाई। भाजपा और राजद तो सत्ता में आते ही चुप हो जाते हैं।
प्रशांत किशोर ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार के इर्द गिर्द रहने वाले लोग खुद शराब पीते हैं। हालांकि उन्होंने शराब पीने वालों के नामों का खुलासा नहीं किया लेकिन इतना कह गये कि दो साल उनके घर में रहे हैं। इसलिए हमें सब मालूम है वहां क्या कुछ होता है। प्रशांत किशोर ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मीडिया से ही पूछा कि आप नीतीश कुमार को कितना जानते हैं हम तो उनके साथ दो साल उनके घर में रहे हैं। उनके इर्द-गिर्द जो रहता है घर में जाकर दारू पीता है और इनके सामने बैठकर लंबा-लंबा बात करता है।
नीतीश के इर्द-गिर्द जो अफसर और जो उनके चमचे हैं सब शराब पीते हैं। यह जग हसाई वाली बात है कि किसी राज्य का सीएम किसी जिले के डीएम को बुलाकर यह कसम खिलाते है कि जिले के शराब कारोबारियों को पकड़िएगा। उन्हें शराब बेचने से रोकियेगा। पीके ने कहा कि यह सब ड्रामा नहीं बल्कि नीतीश कुमार की झुंझलाहत है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि करे तो क्या करे। विधानसभा में जो प्रश्न कर रहा था उसे वे कहते है कि तुम लोग शराबी हो गये हो। बीजेपी पर हमला बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि सुशील मोदी जब डिप्टी सीएम थे तब सारे मंत्री बीजेपी के थे। उस वक्त यही सवाल उनसे क्यों नहीं पूछा गया। बीजेपी सरकार का हिस्सा थी और सर्वसम्मति से शराबबंदी कानून पारित किया गया।
प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार से शराबबंदी हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जिसकों वोट का डर है वही इस पर टिप्पणी नहीं कर रहा है। शराबबंदी बिहार के हक में नहीं है और ना ही समाज के हक में ही है। इससे बिहार की इकोनॉमी भी प्रभावित हो रही है। प्रशांत किशोर ने साफ तौर पर कह दिया कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरीके से फेल है। नीतीश कुमार की जिद की वजह से यह दुर्गति हो रही है। बिहार में हर जगहों पर शराब बिक रही है। बिहार में सिर्फ नाम का शराबबंदी कानून है। यह प्रदेशवासियों के हक में नहीं है। इस कानून को हटा दिया जाना चाहिए।