तेजस्वी यादव की कलम की स्याही सूख गयी या 3 महीने से कैबिनेट की बैठक नहीं हुई: प्रशांत किशोर ने पूछे तीखे सवाल

तेजस्वी यादव की कलम की स्याही सूख गयी या 3 महीने से कैबिनेट की बैठक नहीं हुई: प्रशांत किशोर ने पूछे तीखे सवाल

BETIAH: पिछले 42 दिनों से बिहार में पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से बेहद तीखे सवाल पूछे हैं. प्रशांत किशोर ने पूछा है कि तेजस्वी यादव की कलम की स्याही सूख गयी है या फिर उऩके सत्ता में आने के बाद बिहार में कैबिनेट की कोई बैठक ही नहीं हुई है. प्रशांत किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव 2020 से लगातार ये कहते रहे हैं कि जैसे ही वे बिहार की सत्ता में आयेंगे तो पहला साइन 10 लाख नौकरी देने की फाइल पर करेंगे. बिहार में कैबिनेट की बैठक में सबसे पहला प्रस्ताव 10 लाख नौकरी देने का आयेगा. तेजस्वी यादव कहते रहे हैं कि कैबिनेट की पहली बैठक में नियोजित शिक्षकों को परमानेंट कर दिया जायेगा. ठेके पर नौकरी करने वाले को पक्की सरकारी नौकरी दे दी जायेगी. अब जब वे सत्ता में आ गये हैं इन घोषणाओं का क्या हुआ.


क्योंकि वोट तो जाति के नाम पर ही मिलेगा

प्रशांत किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव या नीतीश कुमार जनता की आंखों में खुलेआम धूल इसलिए झोंक कर रहे हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि चुनाव में कोई इसे याद नहीं रखेगा. जनता वोट जाति और धर्म के नाम पर ही करेगी. अगर जनता उनके छलावे को याद रखा रखती तो कोई नेता झूठ बोलकर सत्ता में नहीं आता. प्रशांत किशोर ने कहा कि वे बार-बार ये कह रहे हैं कि नीतीश कुमार ने अगर एक साल में 10 लाख नौकरी दे दी तो वे अपनी जन सुराज यात्रा रद्द कर देंगे औऱ नीतीश कुमार के लिए जनता के बीच प्रचार करने में जुट जायेंगे. 


42 दिनों की पश्चिम चंपारण यात्रा संपन्न

बता दें कि प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर को पश्चिम चंपारण जिले के भितिहरवा आश्रम से जन सुराज यात्रा की शुरूआत की थी. 42 दिनों में पश्चिम चंपारण की उनकी यात्रा पूरी हुई. प्रशांत किशोर ने हर दिन औसतन 15 किलोमीटर की पदयात्रा की. उन्होंने पश्चिम चंपारण जिले में 600 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी कर ली है. जिले के 300 गांवों की पदयात्रा करने के बाद प्रशांत किशोर ने रविवार को पश्चिम चंपारण के लोगों का सम्मेलन बुलाया है. 

इससे पहले पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका लक्ष्य साफ है. वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे. पीके ने कहा कि वे इतना चाहते हैं कि समाज के बेहतर लोग आगे आये. वे कोई राजनीतिक दल बनायें और बिहार के विकास के लिए पहल करें. 

नीतीश ने दो साल तक मुझे घऱ में क्यों रखा था

मीडिया ने सवाल पूछा कि नीतीश कुमार कह रहे हैं कि आपको बिहार की एबीसीडी नहीं मालूम है. प्रशांत किशोर ने कहा कि लोगों को नीतीश कुमार से पूछना चाहिये कि जब मुझे बिहार की एबीसीडी नहीं मालूम नहीं है तो नीतीश कुमार ने मुझे अपने घर में दो साल तक क्यों रखा. क्या मेरे अलावा कोई बाहरी आदमी नीतीश कुमार के घर में दो दिन के लिए भी रहा है क्या.


एक मिनट में बदल जायेंगे नीतीश

प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार इस तरह की बात क्यों कर रहे हैं ये उन्हें मालूम है. आज मैं कह दूं कि नीतीश जी के लिए काम करूंगा तो एक दिन में नीतीश कुमार का बयान बदल जायेगा. आज मैं कह दूं कि नीतीश जी आपके साथ काम करूंगा तो मैं सबसे ज्ञानी व्यक्ति हो जाऊंगा. उनका काम नहीं कर रहा हूं तो मुझे एबीसीडी नहीं आती है. मुझे दो साल नीतीश कुमार ने अपने घर में रखा, जब मुझे एबीसीडी नहीं आती, मैं धंधेबाज हूं तो मुझे अपने घर में क्यों रखा. 

संजय जायसवाल की हैसियत क्या है

पत्रकारों ने प्रशांत किशोर से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के आरोपों को लेकर भी सवाल पूछा. दरअसल संजय जायसवाल ने प्रशांत किशोर को जेडीयू-राजद का एजेंट बताया था. प्रशांत किशोर ने कहा कि वे संजय जायसवाल जैसे लोगों की बातों का नोटिस नहीं लेते. प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं संजय जायसवाल के आका के आका के साथ काम कर चूका हूं. इन दिनों बीजेपी के  प्रदेश अध्यक्ष की क्या हैसियत है ये मुझे पता है. संजय जायसवाल की अपनी अपनी कूबत कितनी है इसे भी लोगों ने देखा है. जब वे निर्दलीय चुनाव लड़े थे तो 8 हजार वोट पाये थे.