PATNA : जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लोकसभा में केंद्र सरकार की तरफ से पेश किए गए सिटिजन अमेंडमेंट बिल का जेडीयू की तरफ से समर्थन किए जाने के बाद प्रशांत किशोर ने मोर्चा खोल दिया है। पीके ने कहा है कि सिटिजन अमेंडमेंट बिल का जेडीयू ने समर्थन किया है जो बेहद निराशाजनक है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि सिटिजन अमेंडमेंट बिल धर्म के आधार पर नागरिकता के अधिकार में भेदभाव वाला बिल है इसके बावजूद जनता दल यूनाइटेड ने इसका समर्थन किया।
प्रशांत किशोर में पार्टी के फैसले के खिलाफ जाते हुए कहा है कि सिटिजन अमेंडमेंट बिल का समर्थन उनकी पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता। जनता दल यूनाइटेड के संविधान में पहले पेज के अंदर तीन बार धर्मनिरपेक्ष शब्द का इस्तेमाल किया गया है और पार्टी के नेतृत्व को गांधीवादी आदर्शों द्वारा निर्देशित बताया गया है। बावजूद इसके जेडीयू ने सिटिजन अमेंडमेंट बिल का समर्थन किया है, जिसे देखकर उन्हें निराशा हुई है।
आपको बता दें कि मोदी सरकार का तमाम मुद्दों का विरोध करने के बावजूद जनता दल यूनाइटेड लगातार किसी न किसी रूप में केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए बिल और प्रस्तावों का समर्थन करते रहा है। तीन तलाक से लेकर धारा 370 तक के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने केवल दिखावे के लिए विरोध किया और अब नागरिकता संशोधन विधेयक यानी सिटीजन अमेंडमेंट बिल का पार्टी ने खुलकर समर्थन कर दिया। जेडीयू की तरफ से लोकसभा में पार्टी के सांसद ललन सिंह ने बिल का यह कहते हुए समर्थन किया है कि इससे अल्पसंख्यकों के हितों पर कोई खतरा नहीं है। प्रशांत किशोर को पार्टी का यह स्टैंड नागवार गुजरा है और उन्होंने खुलकर नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी है कि पीके पार्टी के फैसले के खिलाफ जाने के बाद अपना अगला कदम किस तरफ बढ़ाते हैं।