RANCHI: इस वक्त की बड़ी खबर राजधानी रांची से आ रही है, जहां मनी लॉन्ड्रिंग केस की आरोपी निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल ने रांची स्थित ED की विशेष कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत की अवधि पूरी होने के बाद पूजा सिंघल ने कोर्ट के समक्ष सरेंडर किया है।
बता दें कि भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2000 बैच की अधिकारी पूजा सिंघल को मनरेगा योजना में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पिछले साल 11 मई को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था।एजेंसी ने उसके परिसरों पर छापेमारी भी की थी। मामले में व्यवसायी पति और एक चार्टर्ड एकाउंटेंट भी शामिल थे। पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
जेल में बंद पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने पूजा सिंघल को उनकी बेटी के मेडिकल ग्राउंड पर एक महीने के लिए अंतरिम जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय ओका की अदालत में सुनवाई हुई थी।शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत की अवधि पूरी होने के बाद पूजा सिंघल ने कोर्ट के समक्ष सरेंडर किया है।
दरअसल, मनरेगा में यह घोटाला उस वक्त हुआ था, जब पूजा सिंघल वहां 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक डीसी के रूप में पोस्टेड थीं। इसी दौरान 18.06 लाख का घोटाला हुआ था। पूजा सिंघल पर आरोप है कि मनरेगा की योजनाओं में काम कराए बगैर ही राशि की निकासी कर ली गई थी। इसके अलावा कमीशन के तौर पर भी मोटी रकम की उगाही हुई थी। घोटाला सामने आने पर झारखंड सरकार ने इसकी जांच शुरू कराई थी, लेकिन बाद में सिंघल को इसमें क्लीन चिट दे दी गई थी।
बाद में ईडी ने इस मामले की जांच करते हुए पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी एवं सहायक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ 5 जुलाई 2022 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट के आधार पर कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था।