DELHI : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडोत्तोलन करते हुए देशवासियों को संबोधित किया है। इस बार पीएम मोदी 10वीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराया है। इससे पहले 9 बार में उन्होंने 12 घंटे 54 मिनट का संबोधन दिया। इसमें उन्होंने हर साल देशवासियों से अलग-अलग वादे किए। आज साल 2023 में 4 साल बाद हिंदुस्तान के तीसरे बड़ी अर्थव्यवस्था होने की बातें हो रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि - इस बार प्राकृतिक आपदाओं ने कई जगहों पर संकट पैदा किया। जिन परिवारों ने इस सहा है मैं उनके प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर उन्हें संकटों से मुक्त करेंगे। मैं विश्वास दिलाता हूं।
वहीं मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम ने कहा कि, पिछले सप्ताह नॉर्थ ईस्ट में, विशेषकर मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा। मां बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। पिछले कुछ दिनों से शांति की खबरें आ रही हैं। देश मणिपुर के लोगों के साथ हैं। पिछले कुछ दिनों से जो शांति बना रखी है, वही रास्ता अपनाएं। देश आपके साथ है। राज्य और केंद्र मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास करते रहेंगे। पूरा देश मणिपुर के साथ है। वहां कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा। मां बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लेकिन, देश उनके साथ है।
पीएम ने कहा कि- आज श्री अरविंदो की 150वीं जयंती पूर्ण हो रही है। यह वर्ष स्वामी दयानंद की 150वीं जयंती का वर्ष है। यह वर्ष रानी दुर्गावती के 500वीं जन्मशती का वर्ष है। यह वर्ष मीराबाई के 525 वर्ष का भी पावन पर्व है। इस बार हम जब 26 जनवरी मनाएंगे तो यह हमारे गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा मेरे प्यारे 140 करोड़ देशवासियों। भारत का गौरव और सम्मान करने वाले कोटि-कोटि जनों को आजादी के इस महान पवित्र पर्व की शुभकामनाएं देता हूं।
मेरे प्यारे परिवारजन पूज्य बापू के नेतृत्व में असहयोग का आंदोलन, सत्याग्रह का मूवमेंट और भगत सिंह, राजगुरु जैसे अनगिनत वीरों का बलिदान। उस पीढ़ी में शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसने देश की आजादी में अपना योगदान ना दिया हो। मैं आज देश की आजादी की जंग में जिन जन ने योगदान दिया है, त्याग किया है, तपस्या की है। उन सबको आदर पूर्वक नमन करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि हजारों साल पहले जब किसी ने भारत के किसी छोटे राजा पर आक्रमण किया तो पूरे देश का नुकसान हुआ। मैं हजार साल पहले का जिक्र कर रहा हूं क्योंकि फिर से हमारे पास एक ऐसा मौका है। यह अमृतकाल का पहला साल है। यह कालखंड तो हम जवानी में जी रहे हैं। इस कालखंड में जो हम करेंगे जो कदम उठाएंगे। जितना त्याग तपस्या करेंगे। एक के बाद एक फैसले लेंगे। आने वाले एक हजार साल का देश का स्वर्णिम इतिहास उससे अंकुरित होने वाला है। इस कालखंड में होने वाली घटनाएं एक हजार साल तक प्रभावी रहेंगे। आज पूरी दुनिया में भारत को नई आशा और नई उम्मीद के साथ देख रहा है। भारत में डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डायवर्सिटी का अद्भुत संगम है। 30 साल से कम उम्र की युवा आबादी की तरफ पूरी दुनिया नई संभावना के साथ देख रही है।