PATNA : हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के तरफ से देश का आम बजट पेश किया गया। इस बजट को लेकर केंद्र सरकार का यह कहना है कि हमने सभी राज्यों के साथ बिहार का भी विशेष ख्याल रखा है। जबकि विपक्ष अभी भी विशेष राज्य के दर्जे को लेकर केंद्र पर सवाल उठा रही है। अब इन्हीं सवालों का जवाब आज केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने दिया है।
चिराग पासवान ने कहा कि जो बिहार और बिहारी की मांग थी उसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से सुना गया है। बिहार में सड़क चाहिए थी तो उसके लिए काम किया गया है। बिहार में पढाई के लिए केंद्र सरकार ने पैसे दिए हैं। रेल परियोजना के लिए पैसे दिए हैं। मेडिकल के लिए भी पैसे दिए हैं। आर्थिक मदद की भी बातें कहीं गई है। इसके बावजूद यदि राजद या कांग्रेस को कोई ऐतराज है तो फिर मुझे यही कहना है कि वही लोग हैं जो कभी बिहार का विकास नहीं चाहते हैं। यह लोग बस हंगामा करना और जनता को गुमराह करना चाहते हैं।
इसके अलावा चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा मानसून सत्र में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव के शामिल नहीं होने से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वह क्यों नहीं आए इसकी जानकारी तो मुझे नहीं है। लेकिन, इतना तो जरूर है कि नेता विपक्ष का पद काफी महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में विधानसभा का कोई भी सत्र हो उसकी गंभीरता होती है और नेता विपक्ष को उसमें जरूर शामिल होना चाहिए। उनको यह समझना चाहिए कि वह महज एक विधायक नहीं है बल्कि संविधानिक पद पर है। इस पद की अपनी एक गरिमा होती है। इसलिए उनको शामिल होना चाहिए।
उधर, बीते शाम हुई नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी के नाराज होने से जुड़े सवालों पर जवाब देते हुए चिराग पासवान ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में मैं भी मौजूद था। इसलिए ममता बनर्जी जो आरोप लगा रहे हैं वह बिल्कुल गलत आरोप है किसी का माइक बंद कर दिया गया। चिराग पासवान ने कहा कि ऐसी बैठक में जो माइक होता है उसका कंट्रोल वहां मौजूद किसी अन्य व्यक्ति के हाथ में नहीं होता है बल्कि जो बोल रहा होता है उसी के हाथ में होता है तो माइक बंद करने का सवाल ही नहीं उठता।
इसके अलावा चिराग ने समय कम देने के सवाल का जबाब देते हुए कहा कि इस बैठक में शामिल हर मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया था कि वह समय को देखते हुए अपनी बातों को कम से कम समय में रखें। इसलिए ममता जी जब बोल रही थी तो उन्हें यह याद दिलवाया गया कि आपका समय खत्म हो रहा है। लिहाजा आप अपनी बातों को जल्द से खत्म कर लें। ऐसे में इन्हीं बातों पर वह नाराज हो गई और बैठक से निकल गई। मुझे लगता है यह आचरण गलत है।