DESK : शुक्रवार को पश्चिम बंगाल दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग में आधे घंटे की देरी से पहुंचने वाले पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव पर आखिरकार गाज गिर गई है. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव के पद से हटाते हुए उन्हें 31 मई की सुबह 10 बजे तक भारत सरकार के डीओपीटी में रिपोर्ट करने के लिए कहा है.
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ तकरीबन आधे घंटे की देरी से प्रधानमंत्री की मीटिंग में पहुंचे थे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस कदम को लेकर देश में सियासत जारी है. लेकिन मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय के इस कदम को सर्विस रूल के खिलाफ माना जा रहा था और इस मामले में तत्काल प्रभाव से उनका केंद्र ने तबादला कर दिया है.
1954 में बनाये गए सर्विस रूल के नियम 6 (1) एक के तहत प्रतिनियुक्ति के बारे में कहा गया है कि किसी भी संवर्ग के अधिकारी संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र सरकार की सहमति से केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार के अधीन या किसी अन्य कंपनी संघ व्यक्तियों के निकाय केअधीन सेवा के लिए प्रतिनियुक्त किए जा सकते हैं. इसी नियम के तहत केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय का तबादला किया है.
आपको बता दें कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल में आए या चक्रवाती तूफान को लेकर कोलकाता में एक मीटिंग कर रहे थे. इस मीटिंग में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ साथ मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय को भी शामिल होना था. लेकिन ममता बनर्जी के साथ अल्पन बंदोपाध्याय भी तकरीबन आधे घंटे की देरी से बैठक में पहुंचे.
इतना ही नहीं बैठक में रुकने की बजाय वहां से निकल गए, जिससे सर्विस रूल के खिलाफ मारा गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यास साइक्लोन से हुए नुकसान की समीक्षा करते रहे लेकिन राज्य के मुख्य सचिव इस बैठक में नहीं मौजूद थे. इसी मामले में केंद्र ने अल्पन बंदोपाध्याय के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए अब उनका तबादला किया है.