PATNA : बिहार विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने का मौका मिला। तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में मंच से एक छोटा सा संबोधन किया।
इस दौरान तेजस्वी यादव भाषण करते हुए थोड़ा नर्वस नजर आए। तेजस्वी यादव को संबोधन के लिए बेहद कम वक्त मिला था लिहाजा वह लिखा हुआ संबोधन लेकर आए थे। कम समय में ज्यादा कुछ कहने के प्रयास में तेजस्वी यादव संबोधन के दौरान कई बार लड़खड़ाए। इसी बिहार विधानसभा में तेजस्वी का दमदार भाषण कई बार लोगों ने देखा है लेकिन आज तेजस्वी अपने उस अंदाज में नहीं दिखे लेकिन उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग प्रधानमंत्री के सामने रख दी।
तेजस्वी ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है इसलिए यहां से एक संदेश पूरे देश में जाना चाहिए। हम अलग-अलग दलों से इस विधानमंडल में है लेकिन हमारी वैचारिक प्रतिस्पर्धा राजनीतिक शत्रुता में नहीं बदलनी चाहिए। समाज के हर वर्ग की आबादी के अनुसार भागीदारी और हिस्सेदारी से ही लोकतंत्र समृद्ध और समावेशी होगा।
तेजस्वी ने कहा कि बिहार के वैशाली से ही लोकतंत्र बाकी जगहों पर प्रसारित हुआ। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग किया कि School of Democracy & Legislative Studies जैसी एक संस्था बिहार में स्थापित हो। जिसके माध्यम से विधायी और लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं पर शोध एवं अध्ययन के अवसर और प्रशिक्षण दिया जा सके। पूरे देश के जनप्रतिनिधियों, युवाओं और संबंधित कर्मचारियों को इससे लाभ मिलेगा।