PATNA : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेपाल दौरे से सबसे ज्यादा फायदा बिहार को मिला है। पीएम मोदी के नेपाल दौरे पर रहते भारत और नेपाल के बीच कई करार हुए हैं। नेपाल के अरुण कोसी पर पनबिजली इकाई बनाने का ताजा करार भी इसमें शामिल है। इस परियोजना से बिहार को तीन फायदे होंगे। इससे बिहार को न केवल बिजली मिलेगी, बल्कि कोसी का पानी नियंत्रित होकर आएगा, जिससे गाद में कमी आएगी और राज्य के दर्जनभर जिलों में बाढ़ की भयावहता कम होगी। माना जा रहा है कि अब तक बिहार के लिए अभिशाप रही कोसी नदी वरदान साबित होगी।
नेपाल में एसजेवीएन तीन पनबिजली इकाई बनाने का काम करेगी। भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश का संयुक्त उपक्रम एसजेवीएन लिमिटेड ने अरुण कोसी में 2059 मेगावाट की तीन पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण का नेपाल से करार किया है। इससे कुल 2100 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादित होगी और इस पर 4900 करोड़ खर्च होंगे। पहले चरण में 900 मेगावाट की इकाई पर काम चल रहा है जो अगले साल पूरा हो जाएगा। दूसरे चरण में 669 मेगावाट की पनबिजली इकाई बनेगी, जिसकी डीपीआर की मंजूरी नेपाल सरकार से मिल चुकी है। वहीं तीसरे चरण में 490 मेगावाट की इकाई बनाई जाएगी, जिसका करार सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में हुआ है। पांच-छह साल में सभी पनबिजली इकाइयां चालू हो जाएंगी। 70 से अधिक बिजली भारत को मिलेगी। सीतामढ़ी ग्रिड से बिहार को बिजली मिलेगी।
इस करार के बाद बिहार के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा है कि बिहार अब तक हाईडैम बनाने की मांग करता रहा है। अरुण कोसी पर पनबिजली इकाई बनने से न केवल बिहार को बिजली मिलेगी बल्कि कोसी का पानी भी नियंत्रित होकर आएगा। इससे कोसी इलाके सहित उत्तर बिहार के दर्जनभर जिलों में बाढ़ की भयावहता कम होगी। हर साल होने वाला नुकसान भी कम होगा।