PATNA : सीएम नीतीश कुमार के पीएम को पत्र लिख कर इंटरनेट स्ट्रीमिंग सर्विसेज पर सेंसरशिप लागू किए जाने की मांग पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और आरएलएसपी सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा भड़क गये हैं। उन्होनें दो टूक कहा है कि इंटरनेट तो विकास में मददगार है सूबे में हत्या, लूट, बलात्कार और अपहरण जैसी घटनाएं आपके निरंकुश सरकार की देन है।
उपेन्द्र कुशवाहा ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि "चले न जाने तो आंगन टेढ़ा" मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, बिहार में प्रतिदिन हत्या, लूट, बलात्कार, अपहरण जैसी आपराधिक घटनाएं डबल इंजन सरकार की निरंकुशता व अकर्मण्यता के कारण चरम पर पहुंची है। इंटरनेट तो विकास में मददगार है।
वहीं एक दूसरे ट्वीट में उन्होनें कहा कि कुसहा त्रासदी से लेकर हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका से संपूर्ण उत्तर बिहार त्रस्त है, नेपाल आंख दिखाकर लोगों में भय अलग से पैदा कर रहा है। PM से इंटरनेट बंद करवाने के बजाए नेपाल का हुक्का पानी बंद करवाइए सर!
कुशवाहा ने डबल इंजन की सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि नीतीश कुमार इंटरनेट पर सेंसरशिप की बात कर अपने सरकार की नाकामी को छिपा रहे हैं जबकि बिहार की डबल इंजन की सरकार की निरंकुशता और अकर्मण्यता की वजह से सूबे में हत्या, लूट, बलात्कार, अपहरण जैसी गंभीर आपराधिक घटनाएं बढ़ गयी तो वे इसके लिए इंटरनेट को दोषी ठहरा रहे हैं जबकि इंटरनेट तो विकास में मददगार होता है। इंटरनेट के जरिए बच्चे पढ़ाई करते है तो बहुत सारे काम उसके जरिए सर्वसुलभ होते हैं। वहीं कुशवाहा ने नेपाल के मसले पर भी सरकार को घेरा है। दरअसल नेपाल से आने वाली नदियों के जल स्तर पर नियंत्रण के लिए बिहार सरकार बाढ़ रक्षात्मक कार्य कराती रही है लेकिन इस बार नेपाल ने इस पर रोक लगा दिया है। इस बीच बिहार सरकार ने केन्द्र सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा है।
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है जिसमें सीएम ने अनुरोध किया है कि इंटरनेट के जरिए उपलब्ध स्ट्रीमिंग सर्विसेज पर सेंसरशिप लागू किया जाए। पीएम को लिखे पत्र में उन्होनें कहा है कि देश में महिलाओं और बच्चों के साथ घटित दुष्कर्म और आपराधिक घटनाओं से पूरे देश का जनमानस उद्वेलित होता है। इस पत्र में सीएम ने 12 दिसंबर को पोर्न साइट पर रोक संबंधी लिखे गये पत्र का भी जिक्र किया है।
सीएम नीतीश कुमार ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि स्ट्रीमिंग सर्विसेस के जरिए उपभोक्ताओं को कार्यक्रम, फिल्में और सीरियल्स दिखा रहे हैं। लेकिन इस सर्विसेज में सेंसरशिप लागू नहीं होने के कारण इन कार्यक्रमों में अत्याधिक मार-धाड़ या सेक्स के खुले प्रदर्शन पर आधारित फिल्में और धारावाहिक इंटरनेट के जरिए इन चैनलों पर दिखायी जा रही है।सीएम ने कहा है कि स्ट्रीमिंग सर्विसेज के जरिए दिखाए जाने वाले अश्लील और हिंसक कार्यक्रमों के नकारात्मक प्रभावों के कारण अपराध में वृद्धि हो रही है। ऐसे कार्यक्रमों के निर्माण और प्रसारण को अपराध मानते हुए इस पर तत्काल अंकुश लगाने पर बल दिया है।