Bihar Election 2025: अगर आपको भी नहीं मिल रहा पोलिंग बूथ, तो ऐसे करें पता; जानिए पूरी प्रक्रिया Bihar Election : पहले चरण का प्रचार खत्म, NDA-INDIA गठबंधन ने झोंकी ताकत; 'छठ-हैलोवीन, मोकामा मर्डर और जंगलराज...', का मुद्दा रहा हावी Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव से पहले पड़ोसी राज्यों से वोटिंग के लिए मुफ्त ट्रेनें, वोटरों के लिए मिल रही है यह खास सुविधा Anant Singh Arrest : अनंत सिंह के अरेस्ट होने के बाद धानुक वोटरों की नाराजगी थमेगी? मोकामा-बाढ़ समेत कई सीटों पर दिख सकता असर; जानिए क्या है NDA का प्लान Bihar Weather: बिहार में इस दिन से पड़ेगी भीषण ठंड, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी Bihar Election 2025: चुनाव से पहले गोपालगंज में JDU-कांग्रेस समर्थकों के बीच हिंसक झड़प, चाकूबाजी में एक युवक घायल बिहार चुनाव: पहले चरण का प्रचार थमा, नीतीश–मोदी बनाम तेजस्वी–राहुल की जंग अब दूसरे चरण में तेज, जानिए फर्स्ट फेज में किस नेता ने की कितनी सभाएं और क्या रहा मुद्दा Bihar News: बिहार में JDU नेता के भाई, पत्नी और बेटी की मौत; मचा कोहराम Asia University Rankings: भारत के ये संस्थान एशिया के टॉप-100 विश्वविद्यालयों में शामिल, शीर्ष पर यह यूनिवर्सिटी काबिज Bihar Election 2025: वोटिंग के दिन इन चीजों पर रहेगी छूट, आप भी ले सकते हैं लाभ; जानिए क्या है तरीका
1st Bihar Published by: MANOJ KUMAR Updated Thu, 22 Jun 2023 03:09:12 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: कल यानी 23 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में विपक्षी दलों की बैठक होनी है। दावा किया गया है कि इस बैठक में 18 दलों के शीर्ष नेता शामिल होंगे। इसी बीच बैठक को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। जन सुराज यात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने कहा है कि सिर्फ चाय-नाश्ता करने से विपक्षी एकता होनी होती तो 20 साल पहले हो गई होती। अंधों में काना राजा नीतीश का हाल वही होगा जो चंद्रबाबू नायडू का हुआ था। हास्यास्पद है कि जीरो एमपी वाली RJD देश का पीएम तय कर रही है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार क्या कर रहे हैं, इस पर ज्यादा बोलने का कोई मतलब नहीं है। नीतीश आज जिस भूमिका में हैं, पांच साल पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी इसी भूमिका में थे। चंद्रबाबू नायडू उस समय बहुमत की सरकार चल रहे थे, जबकि नीतीश कुमार तो 42 विधायकों के साथ लंगड़ी सरकार चला रहे हैं। चंद्रबाबू नायडू उस दौर में पूरे देश का दौरा करके विपक्ष को एकजुट कर रहे थे। इसका नतीजा हुआ कि आंध्र प्रदेश में उनके सांसद घटकर 3 हो गए, सिर्फ 23 विधायक जीते और वे प्रदेश की सत्ता से ही बाहर हो गए।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए। उनका खुद का ठिकाना नहीं है। जिस पार्टी के बिहार में जीरो एमपी हैं वह देश का प्रधानमंत्री तय कर रही है और जिस पार्टी का खुद का ठिकाना नहीं है वो देश की दूसरी पार्टियों को इकट्ठा कर रही है। नीतीश कुमार से ये पूछना चाहिए कि ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ काम करने को तैयार हैं? क्या नीतीश कुमार और लालू TMC को बिहार में एक भी सीट देने को तैयार हैं? पश्चिम बंगाल में नीतीश कुमार को पूछता कौन है? नीतीश कुमार का हाल अंधों में काना राजा जैसा हो गया है। लिखकर रख लीजिए, नीतीश कुमार का भी वही हाल होगा जो चंद्रबाबू नायडू का हुआ था।