पायलट चैनल से बिहार में तबाही? योगी के फैसले से BJP के कई नेता नाराज, मुख्यमंत्री नीतीश को लिखी चिट्ठी

पायलट चैनल से बिहार में तबाही? योगी के फैसले से BJP के कई नेता नाराज, मुख्यमंत्री नीतीश को लिखी चिट्ठी

PATNA : यूपी सरकार की ओर से गंडक नदी की धारा को मोड़ने के लिए निर्माणाधीन पायलट चैनल को लेकर दिन पर दिन विवाद बढ़ता ही जा रहा है. भाजपा विधायक विनय बिहारी के विरोध के बाद सरकार के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने इसपर एतराज जताया है. उधर पश्चिम चंपारण जिले के दियारे के गांवों में पायलट चैनल निर्माण कार्य को बंद कराने के लिए गोलबंदी शुरू हो गई है. लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं.


उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गंडक नदी के तट पर बसे गांवों को कटाव और बाढ़ से बचाने के लिए पायलट चैनल का निर्माण करा रही है. ताकि नदी की धारा यूपी सीमा से सटकर बहने के बजाय बिहार की ओर आकर बहने लगे. योगी सरकार के इस निर्णय को लेकर विधायक और पूर्व मंत्री विनय बिहारी के इस्तीफे की चेतावनी के बाद अब नीतीश सरकार के मंत्री और भाजपा नेता नारायण प्रसाद ने विरोध जताया है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जल संसाधन मंत्री संजय झा और विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर चैनल निर्माण कार्य बंद कराने का अनुरोध किया है.


पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने पत्र में लिखा है कि उत्तर प्रदेश की एजेंसी द्वारा चैनल का निर्माण किया जा रहा है, जिससे उत्तर प्रदेश की नदियों की मुख्य धारा बिहार की गंडक नदी में हो जाएगी. इससे चंपारण तटबंध पर दबाव बढ़ेगा, जिसका असर योगापट्टी, बैरिया और नौतन प्रखंड में पड़ेगा. बाढ़ की तबाही में जिला मुख्यालय बेतिया भी प्रभावित हो सकता है. बेतिया के एसडीओ द्वारा चैनल निर्माण पर रोक के बाद रात में काम कराया जा रहा है. इससे जनता में काफी आक्रोश है. अगर सरकार ने इस संदर्भ में कोई निर्णय लिया है तो उसकी समीक्षा होनी चाहिए.


इससे पहले भाजपा विधायक विनय बिहारी ने निर्माणाधीन पायलट चैनल का विरोध करते हुए डीएम को संबोधित एक विडियो संदेश जारी किया. उन्होंने कहा कि योगापट्टी प्रखंड की 70 हजार आबादी के जीवन का सवाल है. उसको बचाने के लिए आवश्यकता पड़ी तो मैं अपने पद का भी त्याग कर दूंगा. इस लिए इसे अपने स्तर से देखिए. मेरी बात को मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री और विभाग के अधिकारियों तक पहुंचाईए. नदी के धारा को मोड़ने की अनुमति बिहार सरकार की ओर से किस तरह से दी गई है, यह मुझे मालूम नहीं है. 


उन्होंने उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को भी एक पत्र लिखा. पत्र में कहा कि चैनल निर्माण होने के बाद उनके विधानसभा क्षेत्र के 10 पंचायतों के लोग बाढ़ के कारण विस्थापित हो सकते हैं. बैरिया प्रखंड के कई गांव का भी अस्तित्व समाप्त हो सकता है. उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग की ओर से इस चैनल का निर्माण कराया जा रहा है. इसमें बिहार सरकार की भी सहमति है. जबकि यहां के लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. अगर यहां के लोगों को सुरक्षित किए बिना इस चैनल का निर्माण कराया गया तो वे कार्य नहीं होने देंगे. जरूरत पड़ी तो विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे. 


गौरतलब हो कि पायलट चैनल निर्माण का असर बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के कई प्रखंडों के दर्जनों गांवों पर पड़ने की आशंका है. इन गांवों के लोगों का कहना है कि यूपी के कई गांवों में हर साल बाढ़ और कटाव से तबाही मचती है. अब यूपी सरकार ऐसा चैनल बना रही है, जिससे ये तबाही अब बिहार के हिस्‍से में आ सकती है.