PATNA: भारत में केरल, सिक्किम, बिहार और ओडिशा ऐसा राज्य है जहां कामकाजी महिलाओं के लिए पीरियड लीव दी जाती है। इन राज्यों में मासिक धर्म की छुट्टियों को लेकर नीतियां लागू की जा चुकी है। कामकाजी महिलाओं के लिए मासिक धर्म की छुट्टी प्रदान करता है। वही देश के कुछ यूनिवर्सिटी ऐसे हैं जहां छात्राओं के लिए पीरिएड लीव पॉलिसी लागू है। बिहार में भी पहली बार मासिक धर्म अवकाश नीति को विश्वविद्यालय ने लागू किया है।
हम बात पटना के चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की कर रहे हैं जिसने मासिक धर्म अवकाश नीति को मंजूरी दे दी है। चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के रजिस्टार एसपी सिंह ने इसे लेकर एक पत्र जारी किया है। मासिक धर्म अवकाश नीति को मिली मंजूरी के बाद अब छात्राएं हर महीने पढ़ाई के दौरान एक दिन के छुट्टी का दावा कर सकती है।
बता दें कि केरल ने 2023 में सभी यूनिवर्सिटी और संस्थानों की छात्राओं को पीरियड लीव देने का प्रावधान बनाया था। वही बिहार सरकार ने 1992 में पीरियड लीव देने की पॉलिसी बनाई थी। इसके तहत महिलाओं को हर माह 2 दिन का पेड मेंस्ट्रुअल लीव मिलता है। वही सिक्किम हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री में काम करने वाली सभी महिला कर्मचारियों को दो से तीन दिन पीरियड लीव देने का फैसला लिया।
देश की कुछ प्राइवेट कंपनियां भी पीरियड लीव देती है जिसमें जोमैटो भी शामिल है। 2020 से जोमैटो साल में 10 दिन की मासिक धर्म छुट्टी महिला कर्मचारियों को प्रदान करता है। इसे लेकर स्मृति ईरानी संसद में कह चुकी थी कि महिलाओं को पीरियड लीव की जरूरत नहीं है। ये कोई बीमारी या विकलांगता नहीं है।