पटना: प्रसिद्ध शायर शकील आजमी महफिल-ए-मुशायरा में पेश करेंगे शायरी, 17 जुलाई को होगा प्रोग्राम

पटना: प्रसिद्ध शायर शकील आजमी महफिल-ए-मुशायरा में पेश करेंगे शायरी, 17 जुलाई को होगा प्रोग्राम

PATNA: पटना के फ्रेजर रोड स्थित भारतीय नृत्य कला मंदिर सभागार में 17 जुलाई को महफिल ए मुशायरा का आयोजन होने जा रहा है। इसमें देश और विदेश से 10 चर्चित शायर शिरकत करेंगे। इस मुशायरे का आयोजन दुबई की साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था नविशता द्वारा पटना लिटरेरी फेस्टिवल के साथ मिलकर किया जा रहा है।


इसमें शिरकत करने वाले प्रसिद्ध शायर शकील आजमी ने बताया कि पटना अदब-तहजीब की धरती रहा है। यहां एक से बढ़कर एक शायर हुए हैं। उर्दू साहित्य के विकास में पटना का खास योगदान रहा है। ऐसे में एक बार फिर से अदब और तहजीब की महफिल जमेगी। इससे शहर में साहित्यिक माहौल कायम करने में मदद मिलेगी। पटना आने की बेहद खुशी है। यहां के श्रोता देश के सबसे अच्छे श्रोताओं में से एक हैं। 


आपको बता दें, शकील आजमी फिल्मी गीतों के भी चर्चित गीतकार हैं। उन्होंने बताया कि अब फिल्मों के लिरिक्स भी बदलते वक्त के साथ बदल गये हैं। पहले जहां फिल्मी गीतों में गजलों का प्रभाव दिखता था, वहीं अब इनमें म्यूजिक प्रधान हो गया है। अब फिल्मी गीतों में कंपटीशन बहुत हो गया है और ये बड़ी संख्या में आने लगे हैं इसलिए भी लोगों को याद नहीं रहते। 


उन्होंने बताया कि शायरी का हुनर दिल की गहराइयों से आता है। दर्द इसकी बुनियाद में है। यह दर्द ही इंसान को कलाकार या शायर बना देता है।


शकील आजमी की कुछ शायरीः


1.   दर्द हीरा है दर्द मोती है

दर्द आंखों से मत बहाया कर

कोई तस्वीर कोई अफसाना

कुछ न कुछ रोज ही बनाया कर


2.    मिट्टी के रंग रूप में ढल जाना चाहिए

मौसम के साथ हमको बदल जाना चाहिए

हम लोग जाने कैसे मुसाफिर हैं वरना

यार दो चार ठोकरों में संभल जाना चाहिए


3.   लड़ाई करके बहोत जख्म खा चुके हैं हम

चलो कि शक्ल कोई मरहमी निकालते हैं


इस मुशायरे के बारे में जानकारी देते हुए नविशता के सचिव अहया भोजपुरी ने कहा कि इस मुशायरे का आयोजन दुबई की साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था नविशता द्वारा पटना लिटरेरी फेस्टिवल के साथ मिलकर किया जा रहा है। इसमें देश- विदेश के 10 नामचीन शायर शिरकत करेंगे। ये उर्दू शायरी के विविध रंगों को पेश कर इस शाम को यादगार बना देंगे। इन शायरों में शबीना अदीब, शकील आजमी, आलम खुर्शीद, अज्म शाकिरी, अजहर इकबाल, सपना मूलचंदानी, सरवर नेपाली, माधव नूर, प्रेरणा प्रताप, अहया भोजपुरी शामिल हैं।


वहीं पटना लिटरेरी फेस्टिवल के सचिव खुर्शीद अहमद ने बताया कि उर्दू अदब और शायरी से मोहब्बत करने वाले श्रोताओं के लिए यह एक बेहतरीन मुशायरा होगा। इसमें एक ही मंच पर 10 दिग्गज और मशहूर शायरों को सुनने का मौका मिलेगा। इस कार्यक्रम में इंट्री आमंत्रण पत्र या पास के आधार पर होगी। पटना लिटरेरी फेस्टिवल पिछले 3 सालों से लगातार उर्दू अदब और तहजीब पर काम कर रही है। पी.एल.एफ. अब तक लाइव और वर्चूअल मिलाकर लगभग 10 प्रोग्राम करवा चुकी है। जिसमें देश-विदेश के लगभग 30 से 40 शायर भाग ले चुके हैं। जिनमें फरहत शहजाद, ए.एम. तुराज, मनोज मुंतशिर, मुनव्वर राणा, शबीना अदीब, राधिका चोपड़ा, मंसुर उस्मानी वगैरह शामिल थें।