Bihar Assembly Election 2025 : भूमिहार नेता के लिए तेजस्वी ने खेला बड़ा दांव, बदल दिया पुराने नेता का सीट;अब इस जगह से हुंकार भरेंगे बाहुबली नेता Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तेजस्वी का मास्टर प्लान ! मिशन भूमिहार पर दे रहे अधिक ध्यान; जानें क्या है वजह Bihar Election 2025 : महागठबंधन में बढ़ती दरार: चुनाव में बाकी हैं महज 20 दिन, सीट बंटवारे से लेकर सीएम चेहरे तक कुछ भी क्लियर नहीं; फिर जनता को कैसे होगा भरोसा Bihar Assembly Election 2025 : प्रधानमंत्री मोदी 24 अक्टूबर से करेंगे ‘मिशन बिहार’ की शुरुआत, जेडीयू ने बदला प्रत्याशी, सीमा सिंह का नामांकन रद्द, कांग्रेस में घमासान बड़हरा में राजद प्रत्याशी रामबाबू सिंह का जनसंपर्क अभियान, अग्निकांड पीड़ितों से भी मिले चकाई से मंत्री सुमित कुमार सिंह ने किया नामांकन, पहली बार JDU के सिंबल पर लड़ रहे चुनाव, सुशासन को आगे बढ़ाने का लिया संकल्प Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बेतिया में EC की सख्ती, दो जगहों से इतने लाख जब्त Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बेतिया में EC की सख्ती, दो जगहों से इतने लाख जब्त Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की बड़ी घोषणा, वोटिंग के लिए वोटर्स को मिलेगी यह सुविधा Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की बड़ी घोषणा, वोटिंग के लिए वोटर्स को मिलेगी यह सुविधा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 30 Apr 2023 04:21:13 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: पटना पुलिस के लोक सूचना पदाधिकारी पर कार्रवाई का आदेश बिहार राज्य सूचना आयोग ने दिया है। इस संबंध में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को मामले में संज्ञान लेने को कहा गया है।
दरअसल वादी देव ज्योति ने पटना पुलिस से सूचना मांगी थी लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी सूचना प्रदान नहीं की गयी। जिस पर बिहार राज्य सूचना आयोग ने नाराजगी जताई और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को दोषी लोक सूचना पदाधिकारी पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
बता दें कि 30 मई 2022 को वादी देव ज्योति ने पटना पुलिस के लोक सूचना पदाधिकारी से वैसे महानुभावों की सूची मांगी थी, जिन्हें नि:शुल्क बॉडीगार्ड मुहैया कराया गया है। लेकिन नियमों का हवाला देकर पटना पुलिस ने सूची उपलब्ध नहीं करायी। जिसके बाद वादी देव ज्योति 21 जून 2022 को द्वितीय अपील में गए।
जहां बिहार सूचना आयोग ने मुफ्त में अंगरक्षक रखने वालों की संख्या उपलब्ध कराने का आदेश दिया। बावजूद इसके 9 महीने बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराया गयी। इसके बाद आयोग ने इस कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई। अपने आदेश में आयोग ने इस मामले को अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग, बिहार को संज्ञान में लाकर विलंब के लिए दोषी लोक सूचना पदाधिकारी पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।