PATNA : बिहार में ना तो सावन के महीने में जमकर बारिश हुई और ना ही भादो के महीने में ही बादल पूरी तरीके से बरसे लेकिन इसके बावजूद बिहार बाढ़ संकट का सामना कर रहा है। राजधानी पटना में गंगा नदी चेतावनी के निशान से ऊपर बह रही है और गंगा के पेटी वाले बिंद टोली इलाके में बाढ़ का पानी घुस चुका है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ निचले इलाकों में पानी घुसने शुरू हो गया है। दीघा के पास स्थित बिंद टोली में रविवार की शाम पानी घुसने से यहां रहने वाले लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। आज यानी सोमवार को बिंद टोली में पानी का दबाव और बढ़ने की आशंका है। स्थानीय लोगों के मुताबिक यदि गंगा का जलस्तर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो अगले 24 घंटे में उन्हें पलायन करना पड़ सकता है। प्रशासन भी हालात को लेकर अलर्ट पर है।
बिहार में बारिश भले ही नहीं हुई हो लेकिन मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश की वजह से गंगा नदी का जलस्तर तेजी के साथ ऊपर गया है। गंगा नदी बक्सर और पटना में चेतावनी स्तर को रविवार की सुबह ही पार कर गई थी। गंगा बक्सर में चेतावनी स्तर से 18 सेमी ऊपर जबकि खतरे के निशान से 82 सेमी नीचे थी। हालांकि मुंगेर में खतरे के निशान से 2.11 मीटर नीचे, भागलपुर में 1.79 मीटर और कहलगांव में 1.04 मीटर नीचे थी। इन सभी स्थानों पर नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से गंगा में गिरने वाले नालों का प्रवाह भी रुका है। गंगा और पुनपुन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने और खतरे के निशान तक पहुंचने से निगम के बड़े और छोटे नालों पर दबाव बढ़ जाता है। ऐसे में राजधानी की सीवरेज और बारिश के पानी को निकालने के लिए अतिरिक्त पंप लगाया गया है। वहीं बुडको की तरफ से कुर्जी, गोसाई टोला, राजापुर पुल, मंदिरी और कृष्णा घाट पर के सभी पंप चल रहे है। सभी स्लूइस गेट पहले ही बंद किए जा चुके हैं।