PATNA : बिहार की स्वर कोकिला पद्मश्री और पद्मभूषण स्वर्गीय शारदा सिन्हा के दिल्ली एम्स में निधन होने की खबर सुन बिहार के सुपौल जिले राघोपुर प्रखंड के हुलास गांव स्थित उनके मायके में मातम छाया हुआ है। मायके वाले सभी गमगीन हैं और स्वर्गीय शारदा सिन्हा के अंतिम दर्शन के लिए पटना निकले हैं। इस दौरान उनकी भौजाई आज से 30 वर्ष पहले गुनगुनाए गीत " कोयल बिना बगिया न शोभे राजा..." गाकर भावुक हो गई और उनके साथ बिताए पलों को याद किया।
उन्होंने बताया कि जब मेरी शादी हुई थी और जब हम यहां आए थे तो वह छोटी थी। जब हमलोग साथ बैठते थे और आपस में गुनगुनाते थे तो वह उस गाना के बारे में कहती थी कि इस गाना को हम अपने अनुसार तैयार करेंगे और फिर उसका कैसेट बनाएंगे। अब आज छठ पूजा में प्रभु ने उन्हें अपने पास बुला लिया। छठ पूजा उनके बिना सुना और विरान है। उनसे उम्र बड़ी होने के बावजूद हमलोग तो है ही और वह हम सबों को छोड़ कर चली गई, शोक तो होगा ही।व
हीं स्वर कोकिला के छोटे भाई होम्योपैथी के चिकित्सक डॉ पद्मनाभ शर्मा और इनकी पत्नी सुमन शर्मा बताई कि उनसे अंतिम बार मुलाकात 31 मार्च और 1 अप्रैल 2024 को हुई थी वह मेरे बेटे की शादी में यहां अंतिम बार 31 मार्च और 1 अप्रैल 2024 को आई थी और दो महीने बाद फिर आने के वादा की थी लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। वह हम सबों को छोड़ कर चली गई।
उनके छोटे भाई ने कहा कि दीदी से जब मेरी बात एक दिन हुई तो हम उनसे यही बोले कि जब तक यह धरती रहेगी और जब हमलोगों की संस्कृति रहेगी आपका गीत अमर रहेगा। मुंडन हो छठ हो शादी हो या फिर अन्य कोई कार्यक्रम आपके गीत के बिना अधूरा रहेगा। बिहार की स्वर कोकिला पद्मश्री और पद्मभूषण स्वर्गीय शारदा सिन्हा 8 भाई की इकलौती बहन थी और शारदा सिन्हा सातवें नंबर पर थी। इकलौती होने की वजह से यह घर में सबकी लाडली थी।
इधर, शारदा सिन्हा का शव पटना पहुंच चूका है। इंडिगो फ्लाइट से सिंगर के पार्थिव शरीर को दिल्ली से पटना लाया गया। लोक गायिका शारदा सिन्हा के चाहने वाले बहुत लोग हैं। ऐसे में शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए बुधवार को 12 बजे के बाद पटना में रखा जाएगा। आज यानी बुधवार को अंतिम संस्कार नहीं होगा बल्कि 7 नवंबर की सुबह 9 बजे शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार हो सकता है।