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1st Bihar Published by: Updated Sat, 09 Jul 2022 11:40:37 AM IST
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PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति ऐसी है की बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाले आईटी इंजीनियर्स हों या बड़े हॉस्पिटल्स के डॉक्टर या फिर कोई कारोबारी जो कोई भी शराब के नशे में पाया गया, पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और मीडिया को जानकारी देकर बड़ी हेडलाइन क्रिएट करवायी। लेकिन अगर आपको हम यह कहे कि सत्ताधारी दल के नेताओं के मामले में नीतीश कुमार की यह शराबबंदी नीति दम तोड़ देती है तो आप क्या कहेंगे? इस सवाल पर आपकी राय अलग अलग हो सकती है लेकिन हम आपको जो खबर बताने जा रहे हैं, वह इस बात की तस्दीक करती है कि सत्ताधारी दल के नेताओं के सामने शराबबंदी नीति नहीं टिक पाती। हालात ऐसे हैं कि पटना में अगर कोई सत्ताधारी दल का नेता शराब पीते पकड़ा जाए तो मामला रफा-दफा कर दिया जाता है। दो दिन पहले पटना में एक ऐसा ही खेल खेला गया। रात के अंधेरे में एक नेता शराब के नशे में पकड़े गए, हंगामा हुआ लेकिन यह जानकारी छिपा ली गई।
BJP एमएलसी शराब के नशे में
मामला गुरुवार और शुक्रवार की रात का है। देर रात राजधानी के अटल पथ इलाके में दो गाड़ियों के बीच टक्कर होने पर बवाल शुरू हुआ। साईं मंदिर के आसपास हुई इस घटना के बाद जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक कर शराब की नशे में बीजेपी के एक विधान पार्षद अटल पथ पर अपनी गाड़ी में सवार होकर जा रहे थे। इसी दौरान उनकी गाड़ी ने एक दूसरी गाड़ी में टक्कर मार दी। नेताजी की गाड़ी से जिस दूसरी गाड़ी में टक्कर लगी उसमें सवार युवक सड़क पर उतर गए। बीजेपी एमएससी की गाड़ी को रोक लिया और गाड़ी में सवार नेताजी को बाहर निकलने के लिए कहा। नेताजी की गाड़ी पर पार्टी का झंडा लगा था और साथ में बॉडीगार्ड भी मौजूद था। युवकों को यह समझने में देर नहीं लगी की बीजेपी एमएलसी नशे में हैं। शुरुआत में नेताजी विधान पार्षद होने का रौब दिखाने लगे लेकिन इन्हीं युवकों में से किसी एक में वीडियो बनाना शुरू कर दिया इसके बाद बीजेपी एमएलसी को यह समझते देर नहीं लगी कि मामला बिगड़ गया है। जब वीडियो बनना शुरू हुआ तो नेताजी के तेवर बदल गए। वह चुपचाप बार-बार अपनी गलती कबूलते रहे। यह पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। हालांकि इसकी सत्यता की पुष्टि फर्स्ट बिहार नहीं करता है, इसलिए हम बीजेपी एमएलसी का नाम भी उजागर नहीं कर रहे हैं।
इसके बाद शुरू हुआ खेल
गाड़ियों में टक्कर के बाद बीजेपी एमएससी को नशे में देखकर युवक हंगामा करने लगे। इसके बाद मौके पर पुलिस भी पहुंच गई लेकिन असल खेल इसके बाद शुरू हुआ। बीजेपी एमएलसी इस बात को भलीभांति समझ रहे थे कि शराब के मामले में उनका पकड़ा जाना पूरे राजनीतिक करियर को खत्म कर सकता है। नीतीश कुमार भी इस मामले पर कतई समझौता नहीं करेंगे। पार्टी भी उनसे पल्ला झाड़ लेगी, लिहाजा उन्होंने आनन-फानन में अपने पार्टी के आकाओं को फोन मिलाना शुरू किया। नेता जी थाने पहुंचते-पहुंचते सरकार में हड़कंप मच गया। चर्चा है कि आनन-फानन में सरकार के बड़े मंत्रियों से लेकर दिल्ली में बैठे पार्टी के नेताओं ने बड़े अधिकारियों को फोन मिलाया। सूत्रों के मुताबिक थाने पहुंचने पर यह पूरा मामला मैनेज कर लिया गया मीडिया के पास भी इस बात की जानकारी पहुंची कि अटल पथ पर हंगामा हुआ है और शराब के नशे में किसी बड़े शख्स को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह हुई कि बीजेपी एमएलसी की पहचान थाने पहुंचने के बाद छिपा ली गई। किसी दूसरे नाम के साथ पुलिस ने मीडिया के सामने जानकारी साझा की। समाचार पत्रों में अगले दिन खबर भी आई लेकिन बीजेपी नेता का नाम इस खबर से गायब था बल्कि उसकी जगह किसी ऐसे शख्स के बारे में जानकारी दी गई जिसका वजूद भी नहीं था। इस पूरे मामले में बीजेपी एमएलसी को पाक साफ बचा लिया गया और यह सब कुछ संभव हुआ नीतीश कुमार के सुशासन में सुशासन की पुलिस मैनेज हो गई। इस पूरे प्रकरण के साथ नीतीश कुमार का यह दावा भी औंधे मुंह गिर गया कि ना हम किसी को फंसाते हैं और ना ही बजाते हैं।