PATNA: बिहार सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का नियोजन कर रही है. लेकिन शिक्षकों के नौकरी ज्वाइन करने के लिए एक शर्त थोप दी गयी है. उन्हें अपने जिले के सिविल सर्जन ऑफिस से अपना मेडिकल सर्टिफिकेट बनवा कर पेश करना होगा वर्ना नौकरी ज्वाइन नहीं करने दिया जायेगा. राजधानी पटना में सरकार की नाक के नीचे सिविल सर्जन कार्यालय में दो दिनों से सर्टिफिकेट के लिए बैठे सैकड़ों शिक्षकों के सब्र का बांध टूट पड़ा. कई शिक्षिकायें रो पड़ी तो बाकी ने हंगामा खड़ा कर दिया.
सिविल सर्जन ऑफिस में हंगामा
मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं मिलने से नाराज नियोजित शिक्षकों ने पटना के सिविल सर्जन कार्यालय में जमकर बवाल किया. उन्होंने सिविल सर्जन विभा कुमारी की गाड़ी को रोक दिया औऱ उनकी गाड़ी के सामने जमकर हंगामा किया. नियोजित शिक्षक कह रहे थे कि वे दो दिनों से सिविल सर्जन दफ्तर के सामने बैठे हैं लेकिन सर्टिफिकेट मिलने की बात तो दूर कोई कुछ बताने तक को तैयार नहीं है.
रो पड़ी महिला शिक्षिका
बाढ़ से आय़ी महिला शिक्षिका आपदा खातून मीडिया से बात करते हुए रो पड़ी. उन्होंने बताया कि वे अपने बच्चों को घर पर अकेला छोड़ कर सिविल सर्जन कार्यालय के सामने खड़ी हैं. उन्होंने कहा कि हम लोग को 2 दिन से सिर्फ बैठाया जा रहा, कोई भी सर्टिफिकेट देने को तैयार नहीं. यहां के स्टाफ ये भी नहीं बता रहे हैं कि सर्टिफिकेट कब बनेगा. सिर्फ ये कहा जा रहा है कि अभी जाइये बाद में आइयेगा.
एक औऱ नियोजित शिक्षक सुनील कुमार ने बताया कि हम लोग यहां 23 तारीख को आए तो कहा गया कि सर्टिफिकेट बनाने के लिए पुर्जा कटवा लीजिए. हमने पुर्जा भी कटवा लिया. तब कहा गया कि यहां जांच की कोई व्यवस्था नहीं है आप प्राइवेट संस्थान से जांच करवा कर रिपोर्ट लाइये. हम लोगों ने 1500 रुपए खर्च कर वह भी बनवा लिया इसके बावजूद अब तक यहां से सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है. सुनील कुमार ने बताया कि वे पालीगंज से आया हैं और किसी तरह से दो दिनों से पटना में रूके हुए हैं.
हंगामे के बाद मिला आश्वासन
सिविल सर्जन ऑफिस के बाहर खड़े नियोजित शिक्षकों के सब्र का बांध टूटा तो उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया. आक्रोशित शिक्षकों ने सिविल सर्जन विभा कुमारी की गाड़ी को घेर लिया. तब विभा कुमारी ने बताया कि मीटिंग चल रही है और जल्द ही सभी को प्रमाण पत्र मिल जाएगा. सिविल सर्जन ने कहा कि बाहर से मेडिकल जांच करवाने वालों को सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा उन्हें सरकारी अस्पताल से जांच करा कर लाना होगा.