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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 30 Apr 2023 06:52:38 PM IST
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PATNA: बिहार में शराबबंदी कानून को लागू हुए कई साल बीत गए लेकिन पुलिस और उत्पाद विभाग की नाकामी के कारण इस कानून का आज भी सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा है। अपनी नाकामी को छिपाने के लिए पुलिस और उत्पाद विभाग के जवान गरीबों और दलितों पर अपना कहर बरपा रहे हैं। ताजा मामला राजधानी पटना से सामने आया है, जहां दलित बस्ती में छापेमारी करने पहुंची उत्पाद पुलिस ने जबरन घरों में घुसकर महिलाओ और अन्य लोगों के साथ बेरहमी से मारपीट की। आरोप है कि इस दौरान उत्पाद पुलिस के जवानों ने घर में रखे 60 हजार रुपए भी लेकर चले गए।
दरअसल, धनरुआ के मझनपुरा गांव में शनिवार की रात जब दलित बस्ती के लोग अपने घरों के बाहर सड़क के किनारे बैठे थे, तभी उत्पाद विभाग की पुलिस वहां पहुंची और बिना कुछ कहे उनके ऊपर ताबड़तोड़ डंडे बरसाने शुरू कर दिए। इतना ही नहीं पुलिस के जवान जबरन दलितों के घर में घुस गए और महिलाओं के साथ गाली गलौज करते हुए उनके साथ भी मारपीट शुरू कर दिया। पुलिस की पिटाई से सहमे बस्ती के लोग जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे। पुलिस की पिटाई से दर्जन भर लोग घायल हो गए हैं। घायलों में महिलाएं भी शामिल हैं। गंभीर रूप से घायल एक महिला को इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है।
घटना से गुस्साए लोगों ने रविवार को धनरूआ थाने को घेर लिया और जमकर हंगामा मचाया। पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि पुलिस के जवानों पर छापेमारी के दौरान 60 हजार रुपए छीन लिये हैं। दलित बस्ती के लोगों का आरोप है कि पुलिस और उत्पाद विभाग के जवान आए दिन उनके साथ मारपीट किया करते हैं और शराब बेंचने के नाम पर पुलिस उनके घर के सदस्यों को पकड़कर जेल भेज रही है हालांकि उत्पाद विभाग ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। पूरे मामले पर धनरुआ थानाध्यक्ष सतेंद्र कुमार ने बताया कि वरीय अधिकारी को सूचना दे दी गई है अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।