पटना में क्रिमिनल राज के बीच थानों में पहुंचे डीजीपी का दावा: आंकड़े देखिये, अपराध में बहुत सुधार है, इक्का-दुक्का घटनाओं पर मत जाइये

पटना में क्रिमिनल राज के बीच थानों में पहुंचे डीजीपी का दावा: आंकड़े देखिये, अपराध में बहुत सुधार है, इक्का-दुक्का घटनाओं पर मत जाइये

PATNA: बिहार के दूसरे जिले की कौन कहे, राजधानी पटना में रंगदारों के राज के बाद थानों में घूमने निकले डीजीपी ने बढ़ते अपराध की बात को सिरे से खारिज कर दिया. बिहार के डीजीपी एस के सिंघल ने कहा-पटना की जिन घटना की बात की जा रही है, वे आइसोलेटेड (इक्का-दुक्का) घटनायें हैं. आप डेटा यानि आंकड़ा देख लीजिये, हर अपराध कम हो रहा है. बता दें कि राजधानी पटना में सरेआम पिछले 4 दिनों में 8 लोगों को गोलियों से भूना गया है. बीच बाजार हो रही घटनाओं से दहशत फैला है. डीजीपी ने आज गांधी मैदान थाने के निरीक्षण के दौरान पुलिस रिकार्ड दुरूस्त नहीं रहने के कारण थानेदार को सस्पेंड कर दिया.


ये इक्का-दुक्का घटनायें हैं?

हम डीजीपी एसके सिंघल के दावे भी बतायेंगे लेकिन उससे पहले पिछले चार दिनों में पटना में हुई प्रमुख घटनाओं की याद दिला दें. 28 मार्च को दानापुर के नगर परिषद उपाध्यक्ष और जेडीयू नेता दीपक मेहता को उनके घर के पास गोलियों से भून डाला गया. 29 मार्च को पटना सिटी में दही विक्रेता अंशु कुमार को अपराधियों ने गोली मार दी. 30 मार्च को सिर्फ 1000 रूपये की रंगदारी के लिए पटना सिटी में तेल कारोबारी प्रमोद सहित उनके बेटे और मैनेजर को गोलियों से भून डाला गया. प्रमोद बागेला की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. 30 मार्च को राजा बाजार में बेली रोड पर मकई बेचने वाली एक महिला पर तेज हथियार से वार किया गया. 31 मार्च को पटना सिटी में झूला व्यापारी वर्षीय सन्नी कुमार को गोलियों से भून डाला गय़ा. उसी दिन फुलवारीशरीफ में अपराधियों ने मार्बल व्यापारी को गोली मारी.


भद्द पिटी तो थानों को देखने निकले डीजीपी

पटना में दहशत के बीच शुक्रवार की शाम बिहार के डीजीपी एस के सिंघल पहले ट्रैफिक थाना पहुंचे और फिर गांधी मैदान थाने में जाकर बैठ गये. वहीं पुलिस के आलाधिकारियों के साथ बैठक की. डीजीपी बोले-मैं देखने आया हूं कि समय समय पर पुलिस मुख्यालय जो निर्देश जारी कर रहा है उसका पालन किया जा रहा है या नहीं. थानों में जरूरी संसाधन हैं या नहीं. वहां तैनात पुलिसकर्मियों के लिए जरूरी सुविधा है या नहीं. थानों में सही तरीके से सारा रिकार्ड रखा जा रहा है या नहीं. डीजीपी ने कहा कि गांधी मैदान थाने में पुलिस रिकार्ड ठीक नहीं था. इसलिए थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया है.


बिहार में मंगलराज है

उसके बाद डीजीपी ने पुलिस की उपलब्धियां ऐसे बतानी शुरू की जिससे ये साबित हो सके कि बिहार खासकर पटना में मंगलराज है. पत्रकारों ने सवाल पूछा-अपराधी बेलगाम हैं, लोगों में डर है. डीजीपी ने कहा-आप अपराध के आंकड़े देखिये, आंकडों में बहुत सुधार है. सारे प्रमुख अपराध कम हो गये हैं. हत्या कम हो गया है, रेप कम गया है. डकैती औऱ फिरौती के लिए अपहरण काफी कम हो गया है. हां, चोरी और रोड पर लूट की घटनायें बढ़ी हैं लेकिन पुलिस उन्हें भी काबू में कर लेगी.


इक्का-दुक्का घटनाओं पर मत जाइये

बिहार के डीजीपी ने दानापुर में नगर परिषद के उपाध्यक्ष औऱ जेडीयू नेता दीपक मेहता को गोलियों से भून दिये जाने या फिर पटना सिटी के प्रमुख व्यापारिक मंडी में महज 1000 रूपये की रंगदारी के लिए तेल कारोबारी समेत तीन को गोलियों से भूनने के मामले को आइसोलेटेड यानि इक्का-दुक्का घटना करार दिया. उन्होंने कहा जो कुछ भी आइसोलेटेड घटनायें हुई हैं उनका भी पुलिस पूरी ताकत के साथ इन्वेस्टीगेशन कर रही है. जल्द ही उसमें शामिल अपराधियों को धर दबोचा जायेगा. लेकिन आइसोलेटेड घटनाओं के आधार पर पुलिस का परसेप्शन यानि उसकी छवि खराब नहीं हो सकती. पुलिस अपने बारे में परसेप्शन को ठीक करके रखेगी.


डीजीपी ने कहा कि अब पुलिस के वरीय अधिकारी थानों में जायेंगे. वे देखेंगे कि वहां लोगों की शिकायतें सही तरीके से सुनी जा रही हैं या नहीं. पुलिसकर्मियों को कोई दिक्कत हो रही है क्या. अगर पुलिस जवानों की कोई परेशानी होगी तो उसे भी दूर किया जायेगा.