PATNA : बिहार में कोरोना का संक्रमण भले ही घट रहा हो लेकिन ब्लैक फंगस जैसी बीमारी को लेकर हालात भयावह हो गए हैं। पटना में ब्लैक फंगस के 5 मरीजों की मौत तो सोमवार को हो गई। पटना के आईजीआईएमएस में 4 ब्लैक फंगस के मरीजों की मौत हुई है जबकि एक मरीज की मौत पीएमसीएच में हुई। पटना के अलग-अलग अस्पतालों में 18 नए मरीज भर्ती कराए गए हैं। हालात इतने भयावह हो गए हैं कि पटना एम्स में एक ईएनटी सर्जन की तैनाती करनी पड़ी है। पश्चिम बंगाल स्थित एम्स कल्याणी से ईएनटी सर्जन को पटना एम्स बुलाया गया है।
राजधानी पटना के अस्पतालों में अब कोरोना मरीजों से ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीज पहुंचने लगे हैं। आईजीआईएमएस और पीएमसीएच के कोविड-19 वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या से ज्यादा ब्लैक फंगस वार्ड में मरीजों की तादाद हो गई है। सोमवार को पटना एम्स के ओपीडी में 20 संदिग्ध मरीज पहुंचे इनमें से 5 को ब्लैक फंगस वार्ड में एडमिट किया गया जबकि बाकी 15 का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। आईजीआईएमएस के ओपीडी में कुल 22 मरीज आए जिनमें से 5 को भर्ती लिया गया और 15 को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है जिनकी रिपोर्ट आज यानी मंगलवार को आएगी। आईजीआईएमएस पहुंचने वाले दो संदिग्ध संक्रमित नहीं थे उन्हें वापस भेज दिया गया है। आईजीआईएमएस के अधीक्षक डॉ मनीष मंडल के मुताबिक के यहां कुल 105 मरीज हैं जिनमें 14 कोरोना से संक्रमित हैं।
उधर पीएमसीएच का हाल भी कम बुरा नहीं है। पीएमसीएच में ब्लैक संघर्ष के बाद संदिग्ध आए जिनमें से 4 में बीमारी की पुष्टि हुई और उन्हें वार्ड में भर्ती किया गया है। यहां एक मरीज की मौत ब्लैक फंगस की वजह से हो गई। पीएमसीएच में कुल 20 मरीज भर्ती हैं। पटना के प्राइवेट हॉस्पिटल रुबन में 3 मरीजों के अंदर ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। वहीं एनएमसीएच में एक मरीज के अंदर बीमारी कन्फर्म की गई है। पटना एम्स और आईजीआईएमएस को 400 वायल और पीएमसीएच को 126 वॉयल एंफोटेरिसिन बी का इंजेक्शन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उपलब्ध कराया जा चुका है।