PATNA : नीतीश शासन में अधिकारियों की मनमानी का आरोप लंबे अरसे से लगता रहा है। नीतीश चाहे बीजेपी के साथ सत्ता में रहे हो या आरजेडी के साथ, हर बार विपक्ष में बैठे दलों की तरफ से यह आरोप लगाया जाता है कि बिहार में ब्यूरोक्रेसी हावी है। चंद महीने पहले तक के यही आरोप राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से लगाया जाता था लेकिन अब सरकार में आने के बाद आरजेडी की चुनौतियां बढ़ती हुई हैं। आलम यह है कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के सामने उनकी ही पार्टी के मंत्री और विधायकों की तरफ से यह रोना रोया जा रहा है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनते, उनका फोन तक नहीं उठाते। अधिकारियों की मनमानी को लेकर तेजस्वी के सामने बुधवार को शिकायतों का पिटारा खुल गया।
मनमानी करते हैं अधिकारी
दरअसल तेजस्वी यादव बुधवार को जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक में शामिल हुए। पटना जिले की इस बैठक में तेजस्वी यादव के साथ पटना के दूसरे जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। बैठक में सांसद के अलावे विधायक और खास तौर पर ऐसे विधायक भी शामिल हुए जो मौजूदा राज्य सरकार में मंत्री हैं। इस बैठक के दौरान पटना के डीएम, एसएसपी और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे लेकिन इन सबकी मौजूदगी में मंत्री से लेकर विधायक को तक में अधिकारियों की पोल खोलने शुरू कर दी। सीधा आरोप लगाया कि अधिकारी अपने कार्यालय में समय पर नहीं बैठ रहे हैं, इतना ही नहीं जनप्रतिनिधियों का नोटिस तक नहीं लिया जाता। बिहार सरकार के मंत्री और पटना जिले से आने वाले विधायक रामानंद यादव ने सीधा कह दिया कि पटना के सीओ ऑफिस में अधिकारी नहीं बैठ रहे हैं। अन्य विधायकों ने भी आरोप लगाया कि अंचलाधिकारियों की तरफ से फोन नहीं रिसीव किया जाता। इंदिरा आवास, राशन कार्ड बनाने के साथ-साथ अन्य तरह के प्रमाण पत्र बनाने के मसले में देरी को लेकर भी खूब शिकायतें हुई। दरअसल पटना के ज्ञान भवन में जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक का आयोजन किया गया था। प्रभारी मंत्री के तौर पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इस बैठक में शामिल हुए थे।
मनमानी से नाराज तेजस्वी
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के सामने जब अधिकारियों की शिकायत का पिटारा खुला तो तेजस्वी नाराज हो गए। पटना जिले के बड़े अधिकारियों के सामने ही कह दिया कि इस तरह की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। तेजस्वी ने अधिकारियों को वर्किंग स्टाइल सुधारने के लिए कहा, सीधी चेतावनी भी दी कि अगर समय रहते नहीं सुधरे तो नतीजा भुगतना होगा। तेजस्वी ने सीधे तौर पर कहा कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान होना चाहिए। अधिकारियों का काम सहयोग करना है और सरकार की योजनाओं को सही तरीके से जमीन पर लागू करना। जनप्रतिनिधि हों या अधिकारी दोनों जनता के सेवक हैं। आपको बता दें कि तेजस्वी यादव पटना के प्रभारी मंत्री हैं और जिले में अधिकारियों की मनमानी को लेकर जो शिकायत उनके पास पहुंच रही है उससे नाराज हैं। जानकार तो यहां तक बता रहे हैं कि तेजस्वी यादव पटना जिला प्रशासन में बड़ा फेरबदल चाहते हैं हालांकि इस बात पर फिलहाल नीतीश कुमार से उनकी सहमति नहीं बन पाई है। इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आने वाले दिनों में पटना के अधिकारी सरकार के अंदर विवाद का कारण बन सकते हैं।