कोरोना से डॉक्टरों-नर्सों को बचाने के लिए पटना की बेटी ने बनाया मेडी रोबोट, मरीजों के इलाज में होगी बडी सुविधा, पिता ने की मदद

कोरोना से डॉक्टरों-नर्सों को बचाने के लिए पटना की बेटी ने बनाया मेडी रोबोट, मरीजों के इलाज में होगी बडी सुविधा, पिता ने की मदद

PATNA : कोरोना संक्रमण ने बिहार के 80 से ज्यादा डॉक्टरों की जिंदगी ले ली है. बडी संख्या में दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों की भी जान गयी है. ऐसे में मरीजों के इलाज में भारी परेशानी हो रही है. डॉक्टरों से लेकर नर्सों के मन में खौफ समाया है. पटना की एक छात्रा ने उनके डर को खत्म करने के लिए बडा काम किया है. उसमे मेडी रोबोट तैयार कर दिया है. ये मेडी रोबोट न सिर्फ डॉक्टरों औऱ नर्सों को खतरे से बचायेगा बल्कि मरीजों को भी काफी राहत देगा.

पटना बीआईटी की छात्रा ने बनाया करिश्माई रोबोट

पटना बीआईटी की छात्रा आकांक्षा कुमारी ने इस मेडी रोबोट का आविष्कार किया है. आकांक्षा का रोबोट कोरोना के मरीजों को छूकर देखेगा, उनकी हालत जानेगा. उन्हें समय पर दवाई देगा और फिर शरीर की जांच कर उसकी रिपोर्ट डॉक्टर को भेज देगा. यानि डॉक्टरों को मरीज के पास जाने की जरूरत नहीं होगी. लिहाजा उनके संक्रमित होने का खतरा भी कम होगा. 

देखिये क्या-क्या कर रहा है ये मेडी रोबोट

आकांक्षा ने जो रोबोट बनाया है वह विदेशों में काम कर रहे मेडिकल रोबोट से बेहतर औऱ सस्ता है. यह रोबोट दूर से ही कोरोना संक्रमित मरीजो की बेसिक मेडिकल जांच कर लेगा. फिर तत्काल रियल टाइम डेटा भी रिकार्ड कर लेगा. इस मेडी रोबोट की मदद से डॉक्टर दूर से ही ये जान सकेंगे की मरीज के ब्लड में ग्लूकोज कितना है. उसके बॉडी में ऑक्सीजन का लेवल क्या है, हृदय गति कितनी है. यही नहीं ये मेडी रोबोट शरीर के तापमान, ब्लड प्रेशऱ, मरीज का वजन, ईसीजी, वायरलेस स्टेथोस्कोप से फेफ़ड़े की स्थिति की जानकारी दे देगा. इस मेडी रोबोट में वायरलेट स्टेथोस्कोप औऱ ऑक्सीजन सिलेंडर भी इंस्टाल किया गया है.

सिर्फ एक लाख रूपये है कीमत

बड़ी बात ये है कि इस मेडी रोबोट की लागत सिर्फ एक लाख रूपये है. इसमें मेडिकल इक्वीमेंट का दाम भी शामिल है. रोबोट के पेटेंट के लिए आवेदन किया जा चुका है. आकांक्षा ने बताया कि उसके पिता योगेश कुमार  ने भी इस मेडी रोबोट को बनाने में काफी मदद की. दोनों बाप-बेटी ने मिलकर इसे तैयार किया है.

अवार्ड के लिए भी हुआ सेलेक्शन

आकांक्षा के इस मेडी रोबोट का सेलेक्शन अवार्ड के लिए भी हुआ है. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद AICTE इंजीनियिरिंग के छात्रों के नये औऱ सर्वश्रेष्ठ आविष्कार के लिए विश्वकर्मा पुरस्कार देती है. उसके फाइनल राउंड के लिए इस मेडीरोबोट का चयन हो चुका है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर् प्रसाद ने भी इस आविष्कार को देखा है. उन्होंने इसकी सराहना करते हुए बडे स्तर पर इसके उपयोग पर सहमति जतायी है. इस रोबोट का इस्तेमाल सिर्प कोरोना के समय ही नहीं बल्कि सामान्य दिनों में भी किया जा सकता है.