PATNA : अपने कारनामों से पहले से ही कुख्यात हो चुके पारस अस्पताल ने पटना के बाद दरभंगा में नया कारनामा कर दिया है. अस्पताल में इलाज के लिए आये एक मरीज की कोरोना जांच की ही नहीं गयी. लेकिन कोरोना के इलाज के नाम पर मोटी राशि वसूल ली गयी. जिला प्रशासन की जांच टीम ने अस्पताल के कारनामों की लंबी फेहरिश्त उजागर की है.
जांच टीम ने पकड़ी भारी गड़बडी
दरअसल दरभंगा के पारस ग्लोबल अस्पताल में 29 मई की रात दिलीप अजीत सिंह नाम के मरीज की मौत हो गयी थी. मौत के बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल में जमकर लूट खसोट औऱ इलाज नहीं होने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था. मरीज के पिता ने डीएम से भी अस्पताल के कारनामों की शिकायत की थी. इसके बाद डीएम ने जांच टीम बनाकर अस्पताल की जांच करने को कहा था.
जिला प्रशासन की जांच टीम ने पाया कि पारस अस्पताल ने नियम कानून की धज्जियां उड़ा दी. पारस अस्पताल में जिस मरीज की मौत हुई उसकी कोरोना जांच हुई ही नहीं थी. ना तो आरटीपीसीआर जांच की गयी औऱ ना ही एंटीजेन टेस्ट हुई. फिर भी कई तरह के एंटीबायोटिक औऱ एंटीफंगल दवायें दी गयीं. अस्पताल ने ऐसी दवायें मरीज को देने का बिल दिया, जिन्हें देने की जरूरत ही नहीं थी.
3 दिन वेंटीलेटर पर रखकर 9 दिन का पैसा वसूला
अस्पताल के कागजातों की जांच करने पर पता चला कि मरीज को सिर्फ तीन दिनों के लिए वेंटीलेटर पर रखा गया था लेकिन 9 दिन का चार्ज वसूला गया. मरीज से पीपीई किट, फेस मास्क, ग्लब्स, फेस शील्ड औऱ डिस्पोजेबल सीरिंज तक का पैसा अलग से वसूला गया. अस्पताल ने मरीज के परिजनों को अलग अलग तरह के बिल दिये.
अस्पताल ने कहा-आरोप झूठे
जिला प्रशासन की टीम की रिपोर्ट में सारी करतूत उजागर होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि सारे आऱोप गलत है. अस्पताल प्रबंधन कह रहा है कि मरीज के परिजनों ने जो शिकायत की है वह तो गलत है ही जिला प्रशासन की टीम ने जो जांच रिपोर्ट दी वह भी आधारहीन है.