हाईकोर्ट में पहली बार गर्मी की छुट्टियों में बेल फाइलिंग पर रोक, एडवोकेट्स एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र

हाईकोर्ट में पहली बार गर्मी की छुट्टियों में बेल फाइलिंग पर रोक, एडवोकेट्स एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र

PATNA : पटना हाईकोर्ट में 20 जून तक गर्मी की छुट्टियां हैं। गर्मी की छुट्टियों के दौरान जमानत से जुड़े मामलों की सुनवाई पटना हाईकोर्ट में नहीं हो पाएगी। इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि गर्मी की छुट्टियों में बेल फाइलिंग पर रोक लगा दी गई है। स्पेशल कोर्ट से अगर किसी को जमानत नहीं मिलती है और याचिका खारिज हो जाती है तो हाईकोर्ट ही एकमात्र विकल्प है लेकिन हाईकोर्ट से भी अभी जमानत नहीं मिल पाएगी क्योंकि 20 जून तक गर्मी की छुट्टियां हैं। 


पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल के आदेश से रजिस्ट्रार जनरल ने एक आदेश जारी किया है जिसमें यह कहा गया है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान जमानत की याचिका दायर नहीं होगी। इस आदेश के बाद पटना हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सह वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर गर्मी छुट्टी के दौरान जमानत की अर्जी यानी ई फाइलिंग दायर करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। पत्र में कहा गया है कि पटना हाई कोर्ट के तिहार में ऐसा पहली बार हुआ है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान जमानत की अर्जी दायर करने की अनुमति और वकीलों को नहीं दी गई है। पत्र में कहा गया है कि जब निचली अदालतों में जमानत की अर्जी दायर की जा रही हैं तो फिर हाईकोर्ट में दायर करने पर रोक क्यों है? 


वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा है कि बीते 14 महीने से कोर्ट में सामान्य कामकाज नहीं होने के कारण वकीलों के साथ-साथ कोर्ट से जुड़े लोगों की हालत बद से बदतर हो गई है। ई फाइलिंग नहीं होने के कारण वकील और मुवक्किल दोनों को परेशानी हो रही है। वकीलों की आमदनी का जरिया ही समाप्त हो गया है इसलिए तुरंत ई फाइलिंग की व्यवस्था बहाल की जानी चाहिए। आपको बता दें कि गर्मी छुट्टी के दौरान औसतन 300 जमानत की अर्जी यहां हर दिन दायर होती थी। इस तरह एक महीने में लगभग 6000 अर्जी दायर होती थी जो कि इस बार नहीं हो रही है। लॉकडाउन और कोरोना के कारण हाईकोर्ट ने नए फाइलिंग की इजाजत नहीं दी है। पहले गर्मी की छुट्टियों के समय दो या तीन अवकाश कालीन जज ही सप्ताह में 4 दिन जमानत अर्जियों पर सुनवाई करते थे लेकिन इस बार चीफ जस्टिस की खंडपीठ के अलावा 8 एकल पीठ का भी गठन किया गया है जो पहले से लंबित मामलों की सुनवाई करते हैं इसमें जमानत और रिट याचिकाएं भी शामिल हैं।