पटना हाईकोर्ट में एक साथ पेश हुए 14 जिलों के 212 सीओ: तालाब, नदी, नहर से 4 सप्ताह में अतिक्रमण हटाने का सख्त निर्देश

पटना हाईकोर्ट में एक साथ पेश हुए 14 जिलों के 212 सीओ: तालाब, नदी, नहर से 4 सप्ताह में अतिक्रमण हटाने का सख्त निर्देश

PATNA : पटना हाईकोर्ट में गुरूवार का दिन खासा अहम रहा. हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य के 14 जिलों के सभी 212 सीओ एक साथ हाईकोर्ट में पेश हुए. कोर्ट ने पटना, मगध औऱ सारण प्रमंडल के तहत आने वाले जिलों के सारे सीओ को पेश होने को कहा था. हाईकोर्ट ने जलाशयों औऱ जलश्रोत को अवैध कब्जे से मुक्ति दिलाने के लिए सारे सीओ को बुलाया था. कोर्ट ने उन्हें निर्देश दिया कि चार सप्ताह के भीतर सारे जलाशयों से अतिक्रमण हटा दें. इसमें कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. 

पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस संजय करोल औऱ जस्टिस पार्थसारथी की बेंच ने सारे सीओ को तलब किया था. कोर्ट में सारे सीओ को बारी बारी से अपने क्षेत्र के जलाशयों औऱ उन पर हुए अतिक्रमण की जानकारी देने को कहा गया. कोर्ट में पेश हुए सीओ ने न सिर्फ ये जानकारी दी कि उनके क्षेत्र में किन जलाशयों पर अवैध कब्जा है बल्कि ये भी बताया कि उस अवैध कब्जे या अतिक्रमण को हटाने में कितना वक्त लगेगा. 


कोर्ट में पेश हुए सीओ ने जलाशयों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए अलग अलग समय बताया. किसी ने चार महीने में काम पूरा कर लेने की बात कही तो किसी ने इसके लिए 6 महीने का समय मांगा. कोर्ट ने कहा कि अगर एक दो जगह अतिक्रमण है तो उसे हटाने में इतना लंबा वक्त क्यों लगेगा. इसके बाद हाईकोर्ट ने चार सप्ताह का समय देते हुए सारे सीओ को जलाशयों से अतिक्रमण हटाकर उन्हें पुराने स्वरूप में लाने का आदेश दिया. 


कोर्ट ने कहा कि सारे सीओ इसका हलफनामा कोर्ट में दाखिल करें कि वे चार सप्ताह में अतिक्रमण हटा देंगे. इसके बाद उसकी जांच के लिए वकीलों की एक टीम भेजी जायेगी. अगर किसी सीओ ने गलत जानकारी दी होगी तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कई सीओ ने कहा कि जलाशय की जमीन पर अनुसूचित जाति के लोगों ने कब्जा कर लिया है. उन्हें हटाने में कानूनी अडचनें आ रही हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि सारे सीओ ऐसे मामलों की जानकारी मुख्य सचिव को दें. मुख्य सचिव कानूनी अड़चनों को ठीक करेंगे.