प्रशांत किशोर ने लालू के साथ-साथ राहुल गांधी पर बोला बड़ा हमला, कहा..संविधान लेकर घूमने वाले क्या अंबेडकर के अपमान का जवाब देंगे? BIHAR: मिट गया माथे पर लगा कलंक: पॉक्सो एक्ट में बुरी तरह से फंस चुके केशव को मिला नया जीवन दान नीट 2025 में गोल इन्स्टीट्यूट के छात्रों ने लहराया परचम, 5400 से अधिक छात्र सफल, 527 छात्रों का सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की उम्मीद Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप BIHAR: शादी के 3 साल बाद विवाहिता की संदिग्ध मौत, ससुरालवालों पर दहेज के लिए हत्या का आरोप KATIHAR: डॉक्टर-पुलिस की मिलीभगत से कोर्ट को गुमराह करने का मामला उजागर, 82 वर्षीया महिला को जेल भेजने की धमकी, सोशल एक्टिविस्ट ने किया पर्दाफाश BIHAR CRIME: मोतिहारी एसपी के नाम पर बनाया फेक फेसबुक अकाउंट, साइबर ठगों ने की पैसे की मांग Bihar Politics: ‘बिहार की सत्ता में लालू परिवार की कभी नहीं होगी वापसी’ बाबा साहेब के अपमान पर बोले रोहित कुमार सिंह Bihar Politics: ‘बिहार की सत्ता में लालू परिवार की कभी नहीं होगी वापसी’ बाबा साहेब के अपमान पर बोले रोहित कुमार सिंह
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 06 Jul 2023 08:05:33 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : पटना हाईकोर्ट में जाति आधारित गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर गुरुवार को भी सुनवाई की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ यूथ फॉर इक्वलिटी एवं कई अन्य द्वारा इस मामले में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
दरअसल पटना हाईकोर्ट में सरकार की तरफ से महाधिवक्ता पीके शाही और अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने अपना पक्ष रखा। नीतीश सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि जातिगत गणना राजकीय अधिकार क्षेत्र में आता है उद्देश्य प्राप्ति के लिए डाटा इकट्ठा करना अनिवार्य है। बिना डाटा इकट्ठा किए हुए आम नागरिकों को राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलना संभव नहीं है।'
महाधिवक्ता ने दलील दी कि जातीय सर्वेक्षण का कार्य लगभग 80% पूरा हो गया है इस सर्वेक्षण में किसी की निजता का उल्लंघन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि जातियों को लेकर बहुत सी सूचनाएं पहले से ही सार्वजनिक हैं। नामांकन लेने से लेकर नौकरी के लिए लोग स्वेच्छा से अपनी जाति की जानकारी देते रहते हैं। हालांकि समय के अभाव में महाधिवक्ता अपनी बहस पूरी नहीं कर पाए जिसके बाद आज फिर इस मामले में सुनवाई होनी है।
मालूम हो कि, पटना हाईकोर्ट के तरफ से जाति आधारित गणना पर 4 मई को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई थी। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि अब तक जो डेटा कलेक्ट हुआ है, उसे नष्ट नहीं किया जाए। उस वक्त तक 80 फीसदी से अधिक गणना का काम पूरा हो चुका था। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जहां सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया था कि, यदि 3 जुलाई तक पटना हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई नहीं करता है तो 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट मामले में सुनवाई करेगा। लेकिन, अब इस मामले में 3 जलाई को सुनवाई की गई है।
आपको बताते चलें कि, राज्य में 7 जनवरी से शुरू हुई गणना 15 मई को खत्म होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही 4 मई को पटना हाई कोर्ट ने इसपर रोक लगा दिया था। इसके बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जिसमें 18 मई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की बेंच में मामले की सुनवाई हुई। बेंच ने कहा था कि इस बात की जांच करनी होगी कि सर्वेक्षण की आड़ में नीतीश सरकार जनगणना तो नहीं करा रही है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए पटना हाई कोर्ट के पास वापस भेज दिया था।